गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
26दिसंबर, भीलवाड़ा
कड़ी सुरक्षा के बीच भीलवाड़ा लाया गया कुख्यात तस्कर राजू फौजी, बीच रास्ते में था हमले का डर
भीलवाड़ा। भीलवाड़ा में दो कॉन्स्टेबल की हत्या करने वाले कुख्यात तस्कर राजू फौजी को देर रात कड़ी सुरक्षा में भीलवाड़ा लाया गया। इधर, पुलिस को राजू फौजी पर हमले की आशंका का डर भी सता रहा था। दरअसल, रुपए के लिए फौजी ने जोधपुर के कुख्यात तस्कर कैलाश मांजू की 80 लाख रुपए की सुपारी ली थी। पुलिस को आशंका थी कि जोधपुर से भीलवाड़ा लाने के दौरान उस पर हमला न हो जाए। ऐसे में एसपी चंचल मिश्रा के नेतृत्व में करीब 30 पुलिस जवान और कमांडो के साथ उसे महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले राजू फौजी को जोधपुर के बनाड़ थाना क्षेत्र के खोखरिया से गिरफ्तार किया गया।
जानकारी के मुताबिक फौजी एक महीने से जोधपुर में छिपा था। जोधपुर में जिस लूणाराम के यहां रुका था उसे फौजी पहले से जानता था। ये वो ही लूणाराम है, जिसके भाई की राजू ने नाक काटी थी। लूणाराम के भाई श्रवण का फौजी की भाभी से अफेयर था। उसी का बदला लेने के लिए श्रवण के कान और नाक काट दिए गए थे। जोधपुर से भीलवाड़ा आने के 5 घंटे तक पुलिस पूरे अलर्ट मोड पर रही। पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती राजू फौजी को भीलवाड़ा लाना था। पुलिस को आशंका थी कि जोधपुर के कुख्यात अपराधी कैलाश मांजू की गैंग द्वारा राजू फौजी पर जानलेवा हमला किया जा सकता है। एसपी आदर्श सिद्धू ने बताया है कि राजू फौजी को महात्मा गांधी अस्पताल के जेल वार्ड में भर्ती करवाया गया है। यहां से डॉक्टरों की देखरेख में कुछ दिन रखा जाएगा। उसके स्वस्थ होने के बाद फौजी से रायला व कोटड़ी थाने में कांस्टेबल की हत्या के मामले में पूछताछ की जाएगी।
गौरतलब है कि 5 महीने पहले जोधपुर व भीलवाड़ा पुलिस ने कैलाश मांजू के फाइनेंसर सुभाष कड़वासरा और उसके साथियों को जोधपुर से गिरफ्तार किया था। इस दौरान सुभाष कड़वासरा ने राजू फौजी द्वारा जोधपुर के कुख्यात बदमाश कैलाश मांजू को जान से मारने के लिए तो सुपारी ली थी। फौजी ने इसके लिए 1 करोड़ रुपए की सुपारी मांगी थी। बाद में 80 लाख रुपए में यह सौदा तय हुआ था। फौजी ने 40 लाख रुपए सुपारी के एडवांस भी ले लिए थे। पुलिस ने बताया कि फौजी को 15 नवंबर को अहमदाबाद के रेलवे स्टेशन पर देखा गया था। इसके बाद से पुलिस ज्यादा अलर्ट हो गई थी। फौजी पिछले एक महीने से जोधपुर में ही छिपा हुआ था। पुलिस ने बताया कि उसने अपना हुलिया मजदूर के जैसा बना रखा था। ताकि उसे कोई पहचान नहीं सके।