खुद की मां ने हैवानियत की हद कर दी खुद की लड़की के लिए अपने ही सौदागर बन गए। उससे 10 साल तक जिस्मफरोशी का धंधा कराया । बाल कल्याण समिति के समक्ष पहुंचा मामला तो सदस्य भी सुनकर दंग रह गए

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खुद की मां ने हैवानियत की हद कर दी
खुद की लड़की के लिए अपने ही सौदागर बन गए। उससे 10 साल तक जिस्मफरोशी का धंधा कराया । बाल कल्याण समिति के समक्ष पहुंचा मामला तो सदस्य भी सुनकर दंग रह गए

गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
24 दिसंबर बूंदी
मां, भाई-बहन ने 10 साल कराई जिस्मफरोशी:प्रेमी से की शादी तो बौखलाए परिजनों ने फिर देहव्यापार में धकेलने की कोशिश की,

मुक्त कराई गई एक लड़की के लिए उसके अपने ही सौदागर बन गए। उससे 10 साल तक जिस्मफरोशी का धंधा कराया। जब उसने इस दलदल से निकलकर अपने प्रेमी से शादी कर ली तो बौखलाए परिजनों ने उसे फिर से दलदल की दुनिया में धकेलने की कोशिश की। मामला बूंदी जिले के दबलाना थाना क्षेत्र का है, जहां 24 साल की युवती को बाल कल्याण समिति ने मुक्त कराया।

मां ने चली चाल, लड़की की गुमशुदगी-अपहरण का मामला दर्ज करवाया
यह मामला बाल कल्याण समिति के समक्ष पहुंचा तो सदस्य भी सुनकर दंग रह गए। पीड़िता ने अपनी मां, भाई-बहन सहित दो दलालों के खिलाफ जबरन देहव्यापार में धकेलने का आरोप लगाया। दोबारा देहव्यापार के दलदल में धकेलने के लिए उसकी मां ने ग्राम सेवक से उसके नाबालिग होने का प्रमाण-पत्र जारी करवाकर उसके गुमशुदा और अपहरण का मामला दर्ज करवाया। बालिग होने के कारण बाल कल्याण समिति ने उसे छोड़ दिया।
पीड़िता को परिजनों ने जमकर मारा-पीटा, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की
मिली खबर के अनुसार, शंकरपुरा की एक लड़की से जबरन 10 सालों से देह व्यापार करवाया जा रहा था। उसने इस दलदल से निकलकर जुलाई में अपने प्रेमी के साथ आर्य समाज में जाकर शादी कर ली। उसकी मां, भाई-बहन और दलाल मोरपाल व अन्य फिर से देहव्यापार कराने के लिए परेशान करने लगे। इसी वजह से पीड़िता को बीते 15 अगस्त को खूब मारा-पीटा। इसकी रिपोर्ट दबलाना थाने में दर्ज की गई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
मां ने तहसीलदार से बनवाया बेटी के नाबालिग होने का प्रमाण-पत्र

मां ने बेटी के शादी करने की बात पता चलने पर उसे नाबालिग बताते हुए हिंडोली थाने में उसकी गुमशुदगी और अपहरण का मामला दर्ज करा दिया। मां ने हिंडोली तहसीलदार से बेटी के नाबालिग होने का प्रमाण पत्र बनवाया। प्रमाण-पत्र बनाने के लिए हिंडोली तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा की बालिका की उम्र से जुड़े कोई दस्तावेज नहीं है, इसलिए इसकी मां के कहे अनुसार उक्त बालिका का आयु प्रमाण-पत्र जारी कर दिया जाए। तहसीलदार के आदेश पर ग्राम पंचायत भवानीपुरा के ग्राम सचिव ने बालिका के 15 साल की उम्र का होने का प्रमाण-पत्र जारी कर दिया। उस आधार पर बालिका की मां ने हिंडोली थाने में गुमशुदगी और अपहरण का मामला दर्ज करवा दिया।
लड़की का पति चलाता है ऑटो, 14 साल की उम्र से कराया जा रहा देहव्यापार
22 दिसंबर को बाल कल्याण समिति के समक्ष युवती पहुंची। जहां उसने बताया कि उसने आर्य समाज में उसने एक युवक से शादी कर ली है। उसका पति ऑटो चलाता है, वह उसके साथ मुंबई में रहना चाहती है। उसकी मां, बहन, भाई और दो अन्य दलाल फिर से उसे देहव्यापार के दलदल में उतारना चाहते है। करीब 14 साल की उम्र से उससे देहव्यापार करवाया जा रहा था।

(बाल कल्याण समिति के अधिकारियों ने पीड़िता की बात सुनी और उसे मुक्त कराया।)

बालिका ने कहा कि उसने आर्य समाज में शादी कर ली है, ग्वालियर हाईकोर्ट में शादी को लेकर मामला विचाराधीन है।
बालिका की बात सुनने के बाद बाल कल्याण समिति ने बालिका के 164 के बयान दर्ज कराने के बाद उसे स्वतंत्र कर दिया है। बालिका ने कहा कि इस दलदल से निकलकर वह अपने पति और उसके परिवार के साथ शांतिपूर्ण तरीके से अपना जीवन बिताना चाहती है और वह समाज के लिए एक मिसाल कायम करना चाहती है। उसने कहा कि शंकरपुरा में और भी ऐसी कई लड़कियां है जो इस दलदल से निकल कर अपना जीवन संवारना चाहती है।

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