गौरव रक्षक/ राजेंद्र शर्मा
24दिसंबर, भीलवाड़ा
खुद की मौत का सीन क्रिएट कर फरार हुए युवक को 3500 किमी पीछा कर रायपुर से किया दस्तयाब
भीलवाड़ा। जिले को कोटड़ी थाना क्षेत्र के जावल गांव से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हुआ युवक की गुत्थी आखिरकार पुलिस ने सुलझा ली। कर्जदारों से बचने के लिए अपनी ही मौत का सीन क्रिएट कर छत्तीसगढ़ भागे युवक को सात दिन के अथक प्रयास के बाद 3500 किमी पीछा कर रायपुर से दस्तयाब कर लिया गया है।

एसपी आदर्श सिधू ने एसपी ऑफिस में प्रेसवार्ता के दौरान शुक्रवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि कोटड़ी थाना क्षेत्र के जावल गांव निवासी नारायण जाट (27) पुत्र कन्हैयालाल जाट ने शेयर मार्केट में पैसा लगाया, लेकिन घाटे में चला गया। इस पर उसने कर्जा लेकर और शेयर खरीदे लेकिन उसे फिर घाटा हो गया। इस तरह उस पर करीब 17-18 लाख रुपए का कर्जा हो गया। इस पर उसने कर्जदारों से बचने के लिए अपनी मौत का सीन क्रिएट करना चाहा और 17-18 दिसंबर की करीब 10 बजे की रात खेत पर जाने के बाद घर नहीं लौटा। इसके दौरान नारायण ने खेत पर आग जलाई और मरे जानवर (नील गाय) की हड्डियां उसमें डाल दी ताकि लोगों को लगे कि वह मर चुका है और कर्जदार पैसा मांगना बंद कर दें। उसने अपना मोबाइल भी आग में जला दिया और मोटरसाइकिल लेकर फरार हो गया। नारायण सोच रहा था कि कुछ दिनों बाद वह परिजनों से संपर्क कर लेगा और केवल उनके संपर्क में रहकर भीलवाड़ा छोड़ कही और जीवनयापन कर लेगा। इस नाटक की तैयारी नारायण ने तीन-चार दिन पहले ही शुरू कर दी थी। इसके लिए उसने अपना बैग पंचायत में पहले ही छिपा दिया था और अकाउंट से पैसे निकलवाकर नकदी लेकर चित्तौड़ के रास्ते गोवा, सोलापुर, ओरंगाबाद, नागपुर और रायपुर (छातिसगढ) पहुंचा। घटना के दिन नारायण को ढूढते हुए परिजन खेत पर पहुंचे और आग और हड्डियां देख पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की। डॉग स्क्वायड, साइबर सेल व एफएसएल टीम की मदद ली गई। खुद एसपी भी मौके पर पहुंचे और मुआयना किया। टीम ने सात दिन की मेहनत के बाद छत्तीसगढ़ के रायपुर से नारायण को दस्तयाब करने में सफलता हासिल की। पुलिस को नारायण के रायपुर में होने का सुराग उसके द्वारा कोटड़ी की एक मोबाइल शॉप से खरीदे नए मोबाइल में डाली गई सिम के एक्टिव होने पर मिली लोकेशन से लगा। एसपी आदर्श सिद्धू के निर्देशन व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शाहपुरा चंचल मिश्रा व कार्यवाहक वृत्ताधिकारी सज्जन सिंह के सुपरविजन में कोटड़ी थानाधिकारी विक्रम सेवावत व उप निरीक्षक भंवरलाल का इस पूरी वारदात का खुलासा करने में विशेष योगदान रहा।