रिपोर्ट – सुधीर पांडेय
उज्जैन में लाखों रुपये के कर्ज में दबे युवक ने शिप्रा नदी में छलांग लगाई। पुलिस व तैराकों ने डुबने से बचाया ।
प्रायवेट फायनेंस, बैंक और सूदखोरों से उधार रुपये लेकर लाखों रुपयों के कर्ज में दबे युवक ने शिप्रा नदी में छलांग लगा दी। मौके पर मौजूद तैराक व पुलिस कर्मियों ने उसे नदी से निकाला और पूछताछ के बाद परिजनों को सूचना देकर उनके सुपुर्द किया।
पुलिस ने बताया कि सुभाष पिता बाबूलाल 40 वर्ष निवासी लेकोड़ा ने रामघाट शिप्रा नदी पहुंचकर आत्महत्या करने के लिये नदी में छलांग लगा दी । उसे घाट पर मौजूद डीआरसी के जवान जगदीश, ओमप्रकाश शर्मा, पंकज, दीपक, राहुल ने नदी से बाहर निकाला और पूछताछ की। सुभाष बैरागी के पास से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ जिसमें 9 बैंक, प्रायवेट फायनेंस से लोन लेने और 9 लोगों से 2 व 3 प्रतिशत ब्याज पर उधार रुपये लेने की बात लिखी थी। सुभाष ने सुसाईड नोट में लिखा कि दो वर्षों से घुट घुटकर मर रहा था और उस गलती की सजा भुगत रहा था जो मैंने नहीं की थी। किसी से शिकायत नहीं मेरी नीयत और नीति ही खराब थी इसलिये आत्महत्या कर रहा हूं। महाकाल पुलिस ने सुभाष बैरागी के परिजनों को फोन पर सूचना देकर थाने बुलाया और सुभाष को उनके सुपुर्द किया।
सुसाइड नोट में प्रायवेट फायनेंस से लेकर सूदखोरो के ब्याज पर रुपये देने वालों के नाम लिखे थे।