रिपोर्ट – सुधीर पांडेय
पुलिस की चालानी कार्यवाही में सहयोगी बने डाक विभाग कर्मचारी । घर-घर चालान पहुंचाने वाले डाक विभाग के पुलिस विभाग पर बकाया है 4 लाख रुपये ।
इंदौर शहर के प्रमुख 28 चौराहों पर लगे आरएलवीडी कैमरे में ट्रैफिक नियम तोडऩे वाले तो कैद हो ही रहे हैं , लेकिन वसूली में सख्ती नहीं आ पाई है। इस वर्ष छह महीने में करीब 30 प्रतिशत चालान बनने से करीब 30 लाख की वसूली हो पाई। हालांकि ई-चालान घर-घर पहुंचाने का काम करने वाले डाक विभाग को 4 लाख रुपये का भुगतान नहीं हो पाया है।
पुलिस ने बरती सख्ती
2021 के शुरुआती तीन महीने में तो ट्रैफिक पुलिस ने जमकर चालानी कार्रवाई की । लेकिन अप्रेल-मई में लॉकडाउन के कारण पुलिस टीमें व्यवस्थाओं में ही लगी रही। जून माह में फिर सख्ती शुरू हो गई । चौराहों पर लगे कैमरों की मदद से ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों के ई-चालान बनाने का क्रम जरूर लगातार चल रहा है। लॉक डाउन को छोडक़र 2021 में अभी तक पुलिस ने 22500 ई-चालान बनाए है , जिसमें से 19 हजार चालान डाक विभाग कर्मचारियों द्वारा लोगों तक पहुंच पाए है । शेष में पता ठीक नहीं होने, बाहरी शहर के वाहन होने से परेशानी आ रही है । आर एल वी डी प्रभारी डीएसपी बसंतकुमार कौल के मुताबिक ने बताया कि छह महीने में 30 लाख रुपए वसूले गए है जो कुल चालान का करीब 30 प्रतिशत ही है। ई चालान घर घर पहुंचाने का काम डाक विभाग की मदद से हो रहा है, विभाग का 4 लाख रुपए जरूर पुलिस पर बकाया है। 2020 में इस दौरान करीब 45 लाख वसूले गए थे जो इस साल के मुकाबले ज्यादा है।
मैदानी टीम ने तीन महीने में वसूले 85 लाख रुपये
ट्रैफिक पुलिस की मैदानी टीम लगातार चालानी कार्रवाई में व्यस्त है। 2021 में जनवरी, फरवरी व मार्च माह में 19 हजार 820 चालान बनाकर पुलिस ने 85 लाख 60 हजार रुपए का जुर्माना वसूल किया था। 2020 के तीन महीने में यह आंकड़ा 30 हजार चालान से एक करोड़ 11 लाख रुपए का जुर्माना वसूल किया था। इस साल हेलमेट पहने बिना दोपहिया वाहन चलाने पर तीन महीने में 5600 लोगों के चालान बनाकर 14 लाख 30 हजार रुपये वसूले , जबकि पिछले साल 15300 चालान बनाकर 37 लाख 80 हजार रुपए वसूले गए थे। सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 2021 में 1400 चालान बनाकर करीब 6 लाख 80 हजार रुपये वसूले जबकि 2020 में 3600 चालान बने और 18 लाख 5 हजार का जुर्माना पुलिस विभाग ने वसूला था ।