अच्छे खान-पान, उचित डॉक्टरी सलाह, व्यायाम व सकारात्मक दृष्टिकोण से अच्छी सेहत पा सकते हैं कोरोना मरीज: डा. सुरेंद्र मित्तल

0
16

:            डा. सुरेंद्र मित्तल

अच्छे खान-पान, उचित डॉक्टरी सलाह, व्यायाम व सकारात्मक दृष्टिकोण से अच्छी सेहत पा सकते हैं कोरोना मरीज: डा. सुरेंद्र मित्तल

नारनौल 31 मई 2021 कोरोना के पश्चात ठीक होने में कुछ मरीजों को समय लग सकता है। परंतु यह समय हर मरीज में अलग-अलग होता है। इसलिए कभी भी किसी मरीज को अपने आपकी दूसरे मरीज से तुलना नहीं करनी चाहिए।

पोस्ट कोविड-19 के पश्चात पूर्ण रूप से ठीक होने में कुछ सप्ताह से लेकर कुछ महीने भी लग सकते हैं। कोविड मरीज जागरूक रहकर व सकारात्मक सोच के साथ अपने आपको पहले जैसा बना सकते हैं।

कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों को जागरूक करते हुए शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक, फिजीशियन एवं मधुमेह रोग विशेषज्ञ डा. सुरेंद्र मित्तल ने बताया कि पोस्ट कोविड-19 एवं पोस्ट कोविड-19 सिंड्रोम के अंदर श्वास लेने में तकलीफ होना एवं चलने पर सांस फूलना, लगातार खांसी एवं बलगम बने रहना, मधुमेह रोगियों का ब्लड शुगर नियंत्रण न होना व मरीजों में कोरोना के पश्चात मधुमेह रोग होना तथा हमेशा थकान और कमजोरी महसूस करते रहना की समस्या रह सकती है। इसके अलावा भूख कम लगना, वजन कम होना एवं खाना निगलने में दिक्कत होना, हृदय गति का तेज चलना या धीरे चलना, उल्टी का मन होना व पेट खराब होना, याददाश्त का कमजोर होना तथा सोच एवं एकाग्रता कम होना आदि की भी समस्या रह सकती है ।  डा. मित्तल ने बताया कि सारस कोविड-19 वायरस हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को एक्टिवेट करता है, जिसके कारण शरीर में बहुत लंबे समय तक इन्फ्लेमेटरी रिस्पांस चलता रहता है। इसी इन्फ्लेमेटरी रिस्पांस के कारण यह लक्षण पोस्ट कोविड-19 में देखने को मिलता है। इसमें मरीज को थकान एवं कमजोरी सप्ताह से लेकर महीने तक रह सकती है।उन्होंने बताया कि इनमें से कुछ लक्षण कोविड-19 के उपचार के दौरान प्रयोग होने वाली दवाइयां जैसे स्टेरॉयड के प्रभाव के कारण भी देखने को मिल सकते हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 से ठीक होने के उपरांत मरीजों को अपने लक्षणों को पहचानने में देरी नहीं करनी चाहिए एवं जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जो लोग पहले से क्रॉनिक बीमारियों से ग्रसित हैं, जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग से संबंधित रोगी अपने डॉक्टर से संपर्क करके अपने इलाज को दोबारा से संशोधन करवाएं। चिकित्सक ने बताया कि कोविड-19 से ठीक होने के पश्चात खून का गाढ़ा होने एवं जमने की प्रवृत्ति अधिक होती है। ऐसे में हार्ट अटैक, लकवा, फेफड़ों एवं हाथ पैरों में खून का थक्का जमने का डर रहता है। डा. मित्तल ने बताया कि कोरोना से ठीक होने के उपरांत सभी मरीजों को खून पतला करने की दवाई दी जाती है। मरीजों को खून जमने के शुरुआती लक्षणों को जल्द से जल्द पहचानना चाहिए एवं अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। खून पतला करने वाली दवाइयों से ब्लीडिंग का रिस्क इनक्रीज होने का डर रहता है एवं शरीर पर लाल चकत्ते निकलते हैं तो भी मरीजों को सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि इसका एक और प्रमुख लक्षण सिर दुखना या नाक एवं आंख के आसपास सूजन आना भी है। ऐसा होने पर मरीज को तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसा होने पर यह एक खतरनाक बीमारी म्यूक्रमाइकोसिस का लक्षण या ब्लैक फंगस का शुरुआती लक्षण हो सकता है, जिसका उपचार तुंरत कर लेना चाहिए ।उन्होंने बताया कि पोस्ट कोविड-19 सिंड्रोम के लक्षण मरीजों को बहुत ही परेशान करने वाले व उसकी एंजायटी को बढ़ाने वाले होते हैं, किंतु ध्यान रहे यह लक्षण कुछ समय के लिए ही होते हैं। इन समस्याओं को हमारा शरीर धीरे-धीरे ठीक कर देता है। डा. सुरेंंद्र मित्तल ने बताया कि कोविड के बाद मरीज अच्छे खान-पान, उचित डॉक्टरी सलाह, व्यायाम व सकारात्मक दृष्टिकोण से सभी मरीज अपनी नॉर्मल हेल्थ को दोबारा पा सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here