नवलगढ़ के राजकीय अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन लगाने के होंगे प्रयास

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नवलगढ़ के राजकीय अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन लगाने के होंगे प्रयास
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने गुरुवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि झुंझुनूं जिले में नवलगढ़ के राजकीय अस्पताल में जल्द ही सोनोग्राफी मशीन लगाई जाएगी। साथ ही आवश्यकतानुसार शैय्याओं में बढ़ोत्तरी की जायेगी। उन्होंने कहा कि यहां लंबे समय से प्रतीक्षित ब्लड बैंक की स्थापना पर भी विचार किया जा रहा है।
 
डॉ. शर्मा ने प्रश्नकाल में विधायक श्री राजकुमार शर्मा के पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि बजट घोषणा में राज्य के अस्पतालों में 1 हजार नए बेड बढ़ाने की घोषणा की है। घोषणा के अनुरूप नवलगढ़ के राजकीय अस्पताल में आवश्यकतानुसार बेड बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में 41 मातृ एवं शिशु विंग(एमसीएच) संचालित हैं। राज्य के प्रत्येक नागरिक को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने को लेकर मुख्यमंत्री संवेदनशील हैं। इसी क्रम में नवलगढ़ में भी एमसीएच सुविधाओं को बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।
 
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि नवलगढ़ में ब्लड बैंक को शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे। फिलहाल यहां ब्लड स्टोरेज यूनिट कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के समय इसे बंद कर दिया गया था। अब राज्य सरकार और विधायक निधि से आवंटित फंड से डीजी सेट और अन्य उपकरणों की खरीद की गई है। 
 
इससे पहले डॉ. शर्मा ने विधायक श्री राजकुमार शर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि नवलगढ़ में 100 बेड का राजकीय अस्पताल है। वर्ष 2019 में इनकी उपयोगिता दर 22.68 प्रतिशत और वर्ष 2020 में 53.58 प्रतिशत रही है। उन्होंने कहा कि गुणावगुण और बजट की उपलब्धता के आधार पर यहां शैय्याओं की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।
 
उन्होने बताया कि नवलगढ़ में वर्ष 2020 में मैटरनिटी बेड ऑक्यूपैंसी रेट 11.56 प्रतिशत है। जबकि भारत सरकार के निर्देशानुसार मातृ एवं शिशु विंग के लिए मैटरनिटी बैड ऑक्यूपैंसी रेट 70 प्रतिशत होना आवश्यक है। डॉ. शर्मा ने बताया कि राज्य में आईसीयू विंग के नॉम्र्स निर्धारण प्रक्रियाधीन हैं। निर्धारण के बाद वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर नवलगढ़ में आईसीयू विंग के निर्माण पर विचार किया जाएगा।
 
उन्होने बताया कि राजकीय अस्पताल, नवलगढ़ में ब्लड स्टोरेज यूनिट संचालित है। वर्ष 2013 से उपकरणों के अभाव में ये बंद थी। अब 19 जनवरी, 2021 से इसे वापस शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि 1 मार्च, 2021 तक इससे रोगियों को कुल 52 यूनिट ब्लड दिया गया है। औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के अनुसार बीएसयू में वार्षिक खपत 2 हजार यूनिट होने पर ही ब्लड बैंक की स्थापना की जाती है। आगामी वर्षों में ब्लड स्टोरेज यूनिट में खपत, बजट की उपलब्धता और गुणावगुण के आधार पर यहां ब्लड बैंक की स्थापना पर विचार किया जा सकेगा।

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