खनिज माफिया पवन आहलूवालिया पर कलेक्टर का शिकंजा 36 करोड़ की पेनल्टी?????

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खनिज माफिया पवन आहलूवालिया पर कलेक्टर का शिकंजा 36 करोड़ की पेनल्टी?????

खनिज अधिकारी की पारदर्शी कार्यप्रणाली से बढ़ रहा है राजस्व
सतना -अपने कर्तव्य से गद्दारी करने वाले एक खिलाड़ी के बदलते ही टीम का प्रदर्शन कैसे बदल जाता है खनिज विभाग इसका उदाहरण है ,कलेक्टर अजय कटेसरिया जब से यहां आए हैं वे सरकारी जमीनों और खनिज माफियाओं पर नकेल कसने की भरपूर कोशिश की है ,लेकिन खनिज विभाग की भ्रष्टाचारी खिलाड़ी दीपमाला तिवारी हमेशा स्पीड ब्रेकर बनी रही । लेकिन उनके रवाना होते ही पारदर्शी तरीके से लोकसेवक का दायित्व निभाने वाले खनिज अधिकारी सत्येंद्र सिंह बघेल आए तो बदल गया । दीपमाला के समय अवैध उत्खनन की खबरों से भरे अखबारी पन्ने खनिज माफियाओं पर नकेल कसने की खबरों से भरे आने लगे । जिले में रसूख के दम पर धरती माता का सीना छलनी करने वाले सैकड़ों क्रशर संचालकों को उनकी जमीन दिखा दी और उन्हें सीज कर दिया गया । वहीं अब रॉयल्टी चोरों के लिए चारों दिशाओं में ना के लगाने का उल्लेखनीय निर्णय लिया गया है । 300 करोड रुपए प्रति वर्ष रॉयल्टी वाले जिले में श्री बघेल जैसा खनिज अधिकारी चाहिए जो प्रशासन के कप्तान कलेक्टर के विश्वास पर खरा उतर करें शासन का राजस्व बढ़ाने का प्रयास करें और खनिज अधिकारी यही कर रहे हैं इधर सूत्रों का कहना है कि कलेक्टर ने सरकारी चोरी के लिए बदनाम पवन आहलूवालिया पर शिकंजा कसते हुए एक मामले में 36 करोड रुपए की पेनल्टी आरोपित की है । बताया जाता है कि सरकार का हित चाहने वाले ने खनिज अधिकारी को बताया कि अहलूबालिया एक जगह अवैध मुरम मिट्टी का खनन कर रहे हैं , बस फिर क्या था उन्होंने अपने कप्तान को विश्वास में लेकर अवैध उत्खनन का प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया सूत्रों का कहना है कि 36 करोड़ पेनल्टी का धमाका शीघ्र कलेक्टर करने वाले हैं ।

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