रिपोर्ट;-शिवभानु सिंह बघेल
राक्षसी प्रवृत्ति का है तहसीलदार का बाबू अतुल दीक्षित- अधिकारियों की छवि खराब करने में मजा आता है
सतना -अमरपाटन के मोहाली कटरा के बड़ा बाबू अतुल दीक्षित के कारनामों और क्रियाकलापों को देखो तो ,राक्षस कालनेमि की याद आती है, त्रेता युग में उससे प्रभु की सेना व ऋषि मुनि परेशान और प्रताड़ित थे, आज इसकी हरकतों से प्रभु की किसान सेना परेशान और प्रताड़ित है । चंद सिक्कों के लिए यह किसानों को इतने चक्कर देता है कि वह इसे भीख देने में मजबूर हो जाते हैं तहसील कार्यालय में रोज सैकड़ों किसान आते हैं इसका रटा रटाया फार्मूला है कि साहब आप की फाइल अपने साथ ले गए हैं । थका हारा अन्नदाता किसान गांव में जाकर यही बताता है कि मेरी फाइल साहब ले गए हैं । अब तो यह बात सुन सुनकर किसान यह देखने के लिए आने लगे हैं कि साहब क्या ट्रक लेकर कार्यालय आते हैं क्योंकि जब तक दीक्षित को भीख नहीं मिल जाती फाईल साहब के पास ही रहती है । जब की कहानी इसके उलट है नायक तहसीलदार अरुण यादव का रुख सदैव किसानों के हित में सकारात्मक होता है, वहां मौजूद किसानों ने बताया कि साहब अच्छे लेकिन राक्षसी प्रवृत्ति का अतुल उनकी दिन-रात छवि खराब कर किसानों में असंतोष पैदा करता है । सूत्रों का कहना है कि यह भीखमंगा बाबू बस से आता जाता है तथा यहां वर्षों से जमा है ।शाम को यह दिनभर भ्रष्टाचार की भीख समेटकर जेब भरता है और बस में सवार होता है अब इसकी जेब में ACB की नजर पड़ गई है एक किसान ने तो शपथपत्र देकर वैधानिक काम के लिए दीक्षित पर रिश्वत के पैसे मांगने व प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है ।