पंचायत चौकीदारों की मांगों का ज्ञापन चौथी बार मंत्रालय पहुँच कर मुख्यमंत्री को दिया गया।

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रिपोर्ट-शिवभानु सिंह

पंचायत चौकीदारों की मांगों का ज्ञापन चौथी बार मंत्रालय पहुँच कर मुख्यमंत्री को दिया गया।

इन गरीब भाइयों की व्यथा पर कब तक मौन रहेगी सरकार

भोपाल/ सतना :- पंचायत चौकीदारों की बदहाल व दयनीय आर्थिक व्यवस्था की ओर सरकार का ध्यान न जाना यह दर्शाता हैं कि प्रदेश सरकार गरीबों के प्रति संवेदनशील नही हैं। वह सिर्फ अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिये गरीब व गरीबी की बात करती हैं। लेकिन वास्तविकता में वह गरीबों के हकों पर ध्यान नही देती हैं। पिछले कई वर्षों से प्रदेश के लगभग तेईस हजार से ज्यादा पंचायत चौकीदार व भृत्य अपनी वाजिब हकों के लिये संघर्ष कर रहे है लेकिन आज तक कोई भी सांसद,विधायक व मंत्री पंचायत चौकीदारों को हक दिलवाने के लिये आगे नही आया इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा। वहीं इन गरीब भाइयों की व्यथा पर आखिर कब तक मौन रहेगी सरकार उक्त बात पंचायत चौकीदार संघ के संयोजक डॉ अमित सिंह ने कही। वे भोपाल मंत्रालय पहुँच कर चौथी बार चौकीदारों का माँग पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय में सौंपने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुये बताया कि संगठन ने पंचायत चौकीदारों की निम्न माँगो का माँगपत्र सौंपा हैं। पहली यह कि ग्राम पंचायतों में कार्यरत चौकीदारों व भृत्यों को पंचायत कर्मी घोषित कर नियमित किया जाये और श्रम अधिनियमो के तहत न्यूनतम बेतन दर निर्धारित कर बेतन भुगतान प्रतिमाह जनपद कार्यालय के माध्यम से सीधे बैंक खातों में किया जाये। साथ ही पूर्व से कार्यरत भृत्यों को जिन्हें वोट की राजनीति से प्रेरित होकर सरपंच द्वारा अकारण हटा दिया गया हैं उन्हें पुनः रखा जाये और हटाने का अधिकार ग्राम सभा से अलग किया जाये। तथा वर्षो से बकाया बेतन के तत्काल भुगतान हेतु समस्त ग्राम पंचायतों को निर्देश जारी किया जाये।

ये हैं मामला

मध्यप्रदेश की ग्राम पंचायतों में चौकीदारो की नियुक्ति हेतु व आयुक्त पंचायत राज संचनालय मध्यप्रदेश ने आदेश क्रमांक – प.पं/पं.रा./2013/13700 भोपाल दिनाँक 20.12.2013 को जारी कर प्रदेश की कुल 313 जनपद पंचायतों में आने वाली लगभग 23006 ग्राम पंचायतों में चौकीदारों की नियुक्ति का निर्देश ग्राम पंचायतों को दिया गया था जिसके अनुपालन में पूर्व से कार्यरत भृत्यों को ही जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने आदेश जारी कर चौकीदार के पद पर परिवर्तित कर दिया गया था। और जिन ग्राम पंचायतों में पूर्व से कोई नियुक्त नही था वहाँ नई नियुक्ति ग्राम सभाओ के माध्यम से की गई थी। तब से ये चौकीदार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक ग्राम पंचायत भवन का कार्यालय खोलकर भृत्य का कार्य व रात्रि में चौकीदारी का कार्य करते चले आ रहे हैं और उनके इस कार्य का पारिश्रमिक,श्रम अधिनियमो के विपरीत पंच परमेश्वर राशि के 20 प्रतिशत अनटाइड फंड से मनमाने तौर पर 500 -1000-1500 रुपये प्रतिमाह भिन्न भिन्न दरों दिया जा रहा हैं। जिस कारण ग्राम पंचायतों में कार्यरत चौकीदारों व भृत्यों को बेहद आर्थिक संकट से अपना जीवन यापन चलाने को मजबूर हैं और न ही अपने बच्चों को अक्षी शिक्षा दे पा रहे हैं। कई बार धरना प्रदर्शन के माध्यम से शाशन से न्याय की गुहार लगाई जा चुकी हैं लेकिन समस्या जस की तस बनी हुयी हैं।

 

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