क्या मंत्री जी कलयुग के कालीदास हैं ?

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क्या मंत्री जी कलयुग के कालीदास हैं ?

कोई कत्ल करें तो क्या हम भी कातिल हो जाये

सतना:- कालीदास अचानक महान नही हुये बल्कि उन्होंने अपनी गलती से सीख ली। वे जिस डाल में बैठे थे उसी को काटने लगे तभी उन्हें आत्मज्ञान हुआ और आगे चलकर उन्होंने शाकुंतलम जैसे महान ग्रंथ की रचना की। सुना है कि अपने मंत्री जी रामखेलावन पटेल पढे लिखे नेता हैं लेकिन प्रेक्षक उनमें दूर दर्शिता का अभाव पाते हैं। मंत्री जी ने जिस तरह से अपने सजातीय पटेल विद्दयुत अधिकारियों को छाँटकर अपने विधानसभा क्षेत्र अमरपाटन में पदस्थ करने की अनुसंसा की उससे उनकी जातिवादी मानसिकता का पता चलता हैं। जबकि सच्चाई यह है कि क्षेत्र के ब्राम्हण नेताओं की नाराजगी दादा भाई के हार का कारण बनी और मंत्री जी साढ़े तीन हजार मतों से विजयी होने में सफल रहे। लेकिन जब किसी नेता के नजरों में जनता प्रथम के स्थान पर अपना समाज प्रथम हो जाता हैं। तो जन अदालत में उस नेता की छबि गिर जाती हैं। यू तो सांसद जाती वादी होने का आरोप विरोधी लगाते हैं। इन दिनों जन चर्चा है कि सांसद ने अपनी अनुसंसा से अपने सजातियों को कोटर व कोठी का थाना प्रभारी बनवा दिया।लेकिन प्रेक्षक सांसद की सम्पूर्ण राजनैतिक जमीन को इस दृष्टि से नही देखते उनका मानना है कि कोई भी नेता अपनी जाति के भरोसे सांसद व विधायक नही बन सकता पिछले चार बार से सांसद चुने जा रहे गणेश सिंह इसके उदाहरण हैं कि वे सर्वहारा वर्ग का नेतृत्व करते हैं। मंत्री रामखेलावन पटेल ने जातिवादी सोच को कागज में उकेर कर गलती की अब अपनी गलती को स्वीकार न कर शायर बनना उचित नही है। अगर किसी ने कत्ल किया है तो जरूरी नही की हम भी कातिल बने। पहली बात तो ये है कि भाजपा या कॉंग्रेस में कातिल कौन हैं मंत्री जी को जन अदालत में बताना चाहिये। क्योंकि शेर पढ़ने से उनका सजातीय बोट समाप्त नही हो जाता। केंद्रीय मंत्री देशद्रोहियों के खिलाफ रोज बोलते हैं। तो कांग्रेस उनके बयानोँ का विरोध करती हैं। इससे भजपा मजबूत होती हैं। दिग्विजय सिंह जब ओसामा जी बोलते है तो कांग्रेस के लाखों वोट कम हो जाते हैं। अब विंध्य में नये नेता रामखेलावन पटेल उभरे हैं। जो मीडिया में लोकप्रिय हो चले हैं। मीडिया इन्हें खोजेगी की चलो कुछ चटपटा मसाला मिलेगा। जबकि आवश्यकता इस बात की है कि मंत्री जी सरकार की जन्मोमुखी योजनाओं के क्रियान्वयन में ध्यान दे क्योंकि उनके सांसद कह चुके हैं कि इन योजनाओं में भ्रष्टाचार का घुन लग गया हैं।

रिपोर्ट:-शिवभानु सिंह बघेल

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