कलेक्टर ने कल से सार्वजनिक धार्मिक स्थल व
पूजा स्थल खोलने की दी सशर्त अनुमति
जिला दण्डाधिकारी एवं कलेक्टर ने जारी किया आदेश
जबलपुर से हिमांशु दीक्षित ✍️
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी भरत यादव ने भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देष और सभी धर्मगुरूओं के साथ हुई बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार जिले में मंगलवार 9 जून से सार्वजनिक धार्मिक स्थल व पूजा स्थल को खोले जाने की सषर्त अनुमति प्रदान की है । आदेष का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम तथा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 एवं अन्य सभी कानूनी प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी । इस संबंध में आज जारी आदेष में स्पष्ट किया गया है कि पूर्व में जारी विभिन्न आदेषों के अंतर्गत जारी सभी अनुमतियां यथावत प्रभावषील रहेगी । साथ ही यह आदेष मंगलवार 9 जून से प्रभावषील हो जायेगा।
सार्वजनिक धार्मिक स्थल, पूजा स्थल हेतु मानक प्रचालन प्रक्रियाऐं
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कन्टेनमंेट जोन क्षेत्र के सार्वजनिक धार्मिक स्थल व पूजा स्थल बंद रहेंगे। कन्टेनमेंट जोन क्षेत्र के बाहर ही सार्वजनिक धार्मिक स्थल, पूजा स्थल खुलेंगे।
रोकथाम हेतु साधारण सावधानियाॅं
सभी क्षेत्रों में, 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, सह-रूग्ण्ता वाले व्यक्ति, गर्भवती महिलायें और 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को, गृह मंत्रालय के गाईड लाईन के अनुसार घर पर रहने की सलाह दी गई है। धार्मिक प्रतिष्ठान के संचालक यह जानकारी समस्त भेंट करने वालों को प्रदान करेंगे। सार्वजनिक स्थानों पर जहाॅं तक संभव हो फिजिकल डिस्टेसिंग (दो गज, 06 फीट की दूरी) का पालन करना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थलों पर चेहरे पर फेस कवर, मास्क लगाना अनिवार्य होगा। हाथ देखने में गंदे न होने पर भी साबुन एवं पानी से 40-60 सेकेण्ड तथा अल्कोहल आधारित सेनेटाईजर से 20 सेकेण्ड तक हाथ धोया जाये। श्वसन संबंधी सामान्य नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाये। छींकते व खांसते समय अपना मुंह टीशू पेपर, रूमाल, हाथ के कोहनी को रख कर किया जाये तथा टीसू को निर्धारित स्थान पर फेंका जायें। स्वयं के स्वास्थ्य का निरीक्षण करे तथा किसी भी प्रकार की बीमारी महसूस होने पर राज्य के हेल्पलाईन नम्बर 1075 या जबलपुर कोरोना कंट्रोल रूम दूरभाष नं. 0761-2637500 पर सूचना दे। सार्वजनिक स्थल पर थूकना प्रतिबंधित रहेगा। आरोग्य सेतु, सार्थक एप को इंस्टाल कराना होगा और एप पर अपनी स्वास्थ्य को नियमित रूप से अपडेट करना सुनिश्चित करेंगे।
धार्मिक प्रतिष्ठानों द्वारा की जाने वाली कार्यवाही
जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में कहा है कि प्रवेश द्वार पर हाथों को अनिवार्य रूप से सेनेटाईज कराना होगा। इसके लिये प्रवेश द्वार पर धार्मिक प्रतिष्ठानों द्वारा सेनेटाईजर, डिस्पेन्सर एवं थर्मल स्क्रीनिंग संबंधित सामग्री अनिवार्य रूप से रखना होगा। परिसर में केवल कोविड-19 के लक्षण रहित व्यक्तियों को प्रवेश की अनुमति रहेगी। परिसर में सभी लोगों को फेस मास्क लगाना अनिवार्य होगा। प्रवेश के समय ही मास्क लगाने की जाॅंच कर ली जाये। कोविड-19 संक्रमण से बचाव संबंधी प्रसार सामग्री का प्रदर्शन प्रमुखता से हो। आडियो एवं वीडियों क्लिप, स्टेंडी, पोस्टर द्वारा बचाव संबंधी सावधानियों का प्रसारण बार-बार सुनिश्चित करें। जूते, चप्पल स्वयं के वाहन में खोल कर आने के बाद ही परिसर में आने की अनुमति होगी। अतिआवश्यक होने पर ही निर्दिष्ट पृथक स्थान पर स्वयं के द्वारा जूते चप्पल रखना होगा।
परिसर के बाहर एवं पार्किंग एरिया में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन धार्मिक प्रतिष्ठान संचालकों द्वारा करना अनिवार्य होगा। परिसर के अंदर एवं बाहर संचालित दुकान, स्टाॅल, कैफेटेरिया में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन 24 बाय 7 सुनिश्चित करें। फिजिकल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिये कतार की लाईन में गोले का निशान बनवायें। कतार में 6 फीट की दूरी सुनिश्चित करें। संभव होने पर प्रवेश एवं निकास द्वार पृथक से रखा जाये। परिसर में प्रवेश के पूर्व आगुन्तकों के द्वारा साबुन एवं पानी से हाथ धोना अनिवार्य होगा। बैठने की व्यवस्था इस तरह से करें कि फिजिकल डिस्टेंसिंग नाॅर्मस् का पालन किया जायेगा। वातानुकूलन एसी के लिये सीपीडब्ल्यूडी द्वारा जारी किये गये दिशा-निर्देशों का पालन हो। ए.सी. का तापमान 240 से. – 300 से. हो। रिलेटिव हयूमिडिटी 40-70 प्रतिशत हो। ताजी हवा का आवागमन एवं क्रास वेंटीलेशन पर्याप्त होना सुनिश्चित किया जायेगा। मूर्ति, धार्मिक गं्रथ आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी। धार्मिक प्रतिष्ठानों में प्रसाद, चरणामृत, छिडकाव आदि का वितरण वर्जित रहेगा। आरती की थाली, मूर्ति आदि पर चढ़ावा कैश के रूप में न दें। डिजिटल ट्रांसफर आॅफ मनी को प्राथमिकता दें अथवा दान पेटी में डाला जाये। धार्मिक प्रतिष्ठान में फूल, नारियल, अगरबत्ती, चादर, चुनरी आदि चढाने की अनुमति नहीं होगी। मंदिर में घंटी बजाने की अनुमति नहीं होगी। रेलिंग का स्पर्श करने से बचने की सलाह दी जाये। अधिक भीड़, बडी संख्या में लोगांे को एकत्रित होने की अनुमति नहीं होगी। कोविड-19 संक्रमण के परिपे्रक्ष्य में प्रि-रेकाॅर्डेड भजन, गीत बजाए जाए। काॅयर, सिंगिंग, गुरूवाणी गाने की अनुमति नहीं होगी। घर से वजू करके आये। प्रार्थना के लिये जाजम न बिछाई जाये। श्रद्धालु अपनी चटाई, कपड़ा स्वयं लायें तथा प्रार्थना के बाद वापस ले जाये। अभिवादन के लिये एक दूसरे को स्पर्श नहीं करेंगे। धार्मिक प्रतिष्ठानों में सामुदायिक रसोई, लंगर, अन्नदान में फिजिकल डिस्टेसिंग नाॅर्मस का पालन, भोजन बनाने एवं वितरित करन के दौरान अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जायेगा। परिसर की सफाई व्यवस्था, टाॅयलेट, बाथरूम एवं हाथ- पैर धोने के स्थान पर सफाई का विशेष ध्यान रखा जायेगा। धार्मिक प्रतिष्ठान संचालक द्वारा परिसर की बार-बार विसंक्रमण सुनिश्चित किया जायेगा। धार्मिक प्रतिष्ठान संचालक द्वारा परिसर की बार-बार सफाई एवं विसंक्रमण सुनिश्चित करेंगे एवं एक प्रतिशत सोडियम होईपोक्लोराईट सोल्यूशन का उपयोग विसंक्रमण के लिये करेंगे। धार्मिक प्रतिष्ठान संचालक द्वारा परिसर में भूमि की सफाई विशेष रूप से बार-बार कराई जाये। आगुन्तकों एवं अन्य किसी के भी द्वारा छोडे़ गये मास्क, फेस कवर, ग्लब्स का समुचित निपटान धार्मिक प्रतिष्ठान संचालक द्वारा सुनिश्चित कराया जायेगा।
स्थानीय स्तर पर अतिरिक्त व्यवस्था
अपने-अपने क्षेत्र में संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट, नगर पुलिस अधीक्षक तथा स्थानीय स्तर के धार्मिक स्थानों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर धार्मिक स्थल के क्षेत्रफल व परिस्थितियों का आंकलन करने हुये लिखित में निर्देश जारी करना सुनिश्चित करेंगे कि क्षेत्रांतर्गत समस्त धार्मिक स्थल व परिसर में एक समय में कितने लोग उपस्थित रहेंगे। ताकि कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम हेतु निर्धारित समस्त मापदंडों का पालन सुनिश्चित हो सकें। इस हेतु एक व्यक्ति के लिये 5 बाई 5 वर्गफुट की जगह का मापदंड लिया जायेगा तथा दो व्यक्तियों के बीच में यथा संभव फिजिकल डिस्टेसिंग का पालन हो सकें। धार्मिक स्थलों में लोगों को शिफ्ट में प्रवेश दिया जाये। एक शिफ्ट में लोगों की संख्या का निर्धारण स्थल की क्षमता अनुसार तथा दूसरी शिफ्ट के लोगों का प्रवेश, पहली शिफ्ट के लोगों का पूरी तरह से परिसर से निकालने के पश्चात् होना सुनिश्चित किया जाये। ताकि फिजिकल डिस्टेंसिंग तथा परिसर में लोगों की अधिकतम संख्या का निर्धारिण सुनिश्चित हो सकें। साथ ही दूसरी शिफ्ट के इंतजार करने वाले व्यक्तियों के मध्य भी फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क आदि समस्त समान निर्देशों का पालन किया जाये। यदि लाईन लगने की संभावना हो तो कतार प्रबंधन के तहत् एक – एक मीटर की दूरी पर गोले लगाकर किया जाये। नर्मदा नदी के घाटों में श्रद्धालु केवल दर्शन करेंगे, यथा संभव नर्मदा नदी में स्नान करना, पूजन सामग्री का नदी में प्रवाह करना, घाटों में भंडारों का आयोजन करना, प्रसाद वितरण आदि न किया जाये, चूंकि इससे कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना अधिक हो सकती है। घाटों में पूजन क्रय तथा पूजा-अर्चना का प्रबंधन उप खंड मजिस्ट्रेट एवं नगर पुलिस अधीक्षक द्वारा इस प्रकार किया जाये कि भीड़ का एकत्रण कम से कम हो। घाटों में किसी भी प्रकार की गंदगी फैलाना प्रतिबंधित रहेगा। घाट में पूजा-अर्चना के पश्चात रूकना वर्जित होगा। पार्किग हेतु निर्धारित स्थल छोड़कर अन्य जगह पार्किंग प्रतिबंधित रहेगी।
परिसर में पुष्ट, संभावित संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति पाये जाने पर
इसी आदेश में कलेक्टर श्री यादव ने सावधानी एवं सतर्कता बरतने का उल्लेख करते हुये कहा है कि व्यक्ति को पृथक कमरे, स्थान पर रखे। जहां अन्य लोगों की आवाजाही न हो। चिकित्सक द्वारा जाॅच किये जाने तक व्यक्ति को मास्क, फेस कवर उपलब्ध कराये। तत्काल निकटस्थ अस्पताल, स्वास्थ्य केन्द्र पर संपर्क कर सूचना दे अथवा राज्य की हेल्पलाईन (1075), जिला निगरानी अधिकारी (डाॅ. एस.एस. दाहिया, मो. नं. 94243-38930), जबलपुर कोरोना कंट्रोल रूम दूरभाष नं. 0761-2637500 पर सूचना देगंे। संबंधित पब्लिक हेल्थ अथाॅरिटी (जिला आर.आर.टी, चिकित्सक) द्वारा रिस्क असेसमेंट अनुसार प्रबंधन, काॅन्टेक्ट ट्रेसिंग एवं विसंक्रमण संबंधी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। व्यक्ति के पाॅजिटिव पाये जाने पर धार्मिक प्रतिष्ठान के परिसर का विसंक्रमण अनिवार्य रूप से कराना होगा।