छत्तीसगढ़: पति की दीर्घायु के लिए पत्नियां 22 मई को रखेंगी वट सावित्री की व्रत…खरीददारी शुरू…महिलाएं सोलह श्रृंगार कर करेंगी बरगद की पूजा…

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रिपोर्ट रजीनी शर्मा रायपुर

छत्तीसगढ़: पति की दीर्घायु के लिए पत्नियां 22 मई को रखेंगी वट सावित्री की व्रत…खरीददारी शुरू…महिलाएं सोलह श्रृंगार कर करेंगी बरगद की पूजा…
21 May, 2020

रायपुर। पति की दीर्घायु के लिए पत्नियां कल 22 मई को वट सावित्री की व्रत रखेंगी। इसके लिए सुहागिन महिलाएं तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और बरगद की पूजा करती हैं।

हालांकि लॉकडाउन की वजह से महिलाएं इस बार पारंपरिक तरीके से बरगद के पेड़ के नीचे पूजा नहीं कर पाएंगी। हिंदू परंपरा में स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए तमाम व्रत का पालन करती हैं। वट सावित्री व्रत भी सौभाग्य प्राप्ति के लिए बड़ा व्रत माना जाता है।

ये ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को मनाया जाता है। इस बार अमावस्या तिथि 21 मई को रात 9.35 बजे से शुरू हो जाएगी जो 22 मई को रात 11.08 बजे तक रहेगी। इसलिए इस बार वट सावित्री व्रत 22 मई को ही पड़ रहा है।

क्यों मनाया जाता है वट सावित्री व्रत ?

पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन ही सावित्री ने अपने दृढ़ संकल्प और श्रद्धा से यमराज द्वारा अपने मृत पति सत्यवान के प्राण वापस पाए थे। महिलाएं भी इसी संकल्प के साथ अपने पति की आयु और प्राण रक्षा के लिए व्रत रखकर पूरे विधि विधान से पूजा करती हैं।

इस दिन वट (बरगद) के पूजन का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश और सावित्री भी वट वृक्ष में ही रहते हैं। लम्बी आयु , शक्ति और धार्मिक महत्व को ध्यान रखकर इस वृक्ष की पूजा की जाती हैं।

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