रिपोर्ट- श्रेयांश शुक्ला
शहर में भी दिख रहा अम्फान तूफान का हल्का असर, बादलों के साथ हवा में आई नमी
जबलपुर।
बीते दो सप्ताह से ज्यादा समय से राजस्थान के ऊपर चक्रवात बना हुआ है जो कि जबलपुर तक असर कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में उठा अम्फान तूफान का असर भी जबलपुर वासियों को देखने मिलेगा। दरअसल तूफान तो केरल की तरफ खिसक रहा है लेकिन दक्षिणी दिशा की तरफ से शहर तक नमी वाली हवा पहुंच रही है जो उमस पैदा कर रही है। इसी कारण आसमान में हल्के बादल भी दिख रहे हैं। पहले राजस्थानी चक्रवात के असर से और अब बंगाल की खाड़ी वाले चक्रवात की वजह से शहर दोतरफा घिरा हुआ है। जिसके कारण उमस भरी गर्मी के साथ-साथ तेज हवा और बौछार की भी संभावना मौसम विभाग ने जताई है।
हो सकती है हल्की बारिशः
शहर सहित जबलपुर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं आंधी के साथ गरज-चमक और हल्की बारिश भी हो सकती है। यह स्थित अगले 2 से 3 दिन तक बनी रहेगी।
बार-बार बदल रही हवाः
शहर में बीते एक सप्ताह के दौरान चार से पांच बार हवा ने अपनी दिशा बदली है। गर्मी के मौसम में जहां राजस्थान की तरफ से आने वाली पश्चिमी हवा का असर ज्यादा होता था लेकिन इस बार पश्चिमी के साथ-साथ उत्तर-पश्चिम फिर दक्षिण-पश्चिम और अब रविवार को दक्षिण भारत की तरफ से हवा शहर पहुंची।
रात का पारा 2 डिग्री बढ़ाः
रविवार को दिन भर तेज धूप जारी रही वहीं शाम के वक्त आसमान में बादल छाने लगे। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को शहर का अधिकतम तापमान 41.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि सामान्य रहा जबकि न्यूनतम तापमान दो डिग्री की बढ़त के साथ 29.1 डिग्री सेल्सियस रहा जो कि सामान्य से 2 डिग्री अधिक दर्ज किया गया। सुबह की आर्द्रता 44 प्रतिशत मापी गई जबकि शाम की आर्द्रता 23 प्रतिशत रही। बीते वर्ष इस दिन का अधिकतम तापमान 42.1 तो न्यूनतम तापमान 26.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
5 दिनों की देरी से आ सकता है मानसूनः
गर्मी में अब तेजी देखी जा रही है। इसी के साथ अब लोग मानसून के बारे में भी सोचने लगे हैं लेकिन जबलपुर की बात करें तो इस वर्ष मानसून लगभग 5 से 6 दिनों की देरी से आने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी देवेंद्र तिवारी के अनुसार प्रदेश में 13 जून को सामान्य तौर पर मानसून पहुंचने की तारीख है। जो कि जबलपुर में 15 जून को मानसून दस्तक दे देता है, लेकिन इस वर्ष मानसून के 5 से 6 दिनों की देरी से आने की संभावना है। दरअसल पर्यावरम में आ रहे बदलाव के कारण मौसम चक्र में भी बदलाव आया है। जिसके कारण हर मौसम अपने तिथि के अनुसार कुछ दिनों के लिए बढ़ गया है। अब गर्मी, ठंड और बारिश भी अपने पूर्व तिथि से एक सप्ताह बाद आ रही है।