शहर में शराब बंदी के दावे लेकिन खुद मध्य प्रदेश पुलिस का जवान नशे में सराबोर मिला पुलिस वाला

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रिपोर्ट- शशांक सिंह ठाकुर

शहर में शराब बंदी के दावे लेकिन खुद मध्य प्रदेश पुलिस का जवान नशे में सराबोर मिला पुलिस वाला

सरकार ने कहा कि जबलपुर शहर में शराब नही बिकेगी।और लॉक डाउन के चलते जगह जगह पर नाका बंदी लग गयी। आम आदमी अगर पिये हुए तो क्या…एक पाव भी रखे मिले तो पुलिसिया रवैया कुछ ऐसा हो जाता है। मानो उसने देश की सुरक्षा पर कोई सेंध लगा दी हो। लेकिन शहर में ही एक घटना ऐसी हुई। कि अधिकारियों की बोलती बंद हो गयी।जहां नशे में धुत एक पुलिस कर्मी को क्षेत्रीय लोगों ने उस हालात में पकड़ा जब वो ठीक से खड़ा भी नही हो पा रहा था।


कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के बीच जहां जबलपुर पुलिस अवैध शराब का कारोबार करने वालों और शराब पीकर सड़कों पर घूमने वाले लोगों पर सख्त कार्यवाही करते देखी जा रही है तो वही पुलिस विभाग के कुछ अधिकारी विभाग की मिट्टी पलीत करने से बाज नहीं आ रहे है।
मामला है थाना गोरखपुर का

मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले का है। जहां गोरखपुर थाना अंतर्गत रामपुर क्षेत्र के शंकर शाह नगर में उस वक्त हड़कम्प मच गया जब दोपहर के समय एक सरकारी बोलेरो गाड़ी काफी तेज रफ्तार में क्षेत्र की गलियों से अनियंत्रित होकर गुजरने लगी पहले तो क्षेत्रवासियों ने समझा कि क्षेत्र के किसी बदमाश को पकड़ने के लिए पुलिस की यह गाड़ी काफी तेज रफ्तार में दौड़ रही है । लेकिन बाद में गाड़ी अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बनी एक नाली में जा धंसी।
जब क्षेत्रीय लोग गाड़ी के नजदीक पहुंचे तो उन्होंने देखा कि गाड़ी चला रहा पुलिस वाला शराब के नशे में सराबोर था। और अपनी लड़खड़ाती जुबान से पुलिसिया रौब झाड़ते हुए क्षेत्रीय लोगों को मां… बहन… की गाली बकने लगा।

कौन है यह पुलिस वाला

पुलिस की वर्दी में नशे में धुत सड़कों पर गिरता पड़ता है यह शख्स कोई और नहीं बल्कि जयदेव सिंह बघेल बताया जा रहा है जोकि जबलपुर के फिंगरप्रिंट विभाग में पदस्थ है। दोपहर के समय जयदेव नशे की हालत में अपनी गाड़ी में सवार थे उनकी गाड़ी नाले में फंस गई जिसके बाद उन्होंने जमकर हंगामा किया जिससे लोगों की भीड़ लग गई।
सरकारी गाड़ी में थी शराब की पेटी
पुलिस की गाड़ी नाली में फंसते देख क्षेत्रवासियों ने मदद की नियत से गाड़ी के पास जमा होना शुरू किया लेकिन नशे में धुत निरीक्षक को यह बात ना गवारा गुजरी और उसने लड़खड़ाते लहजे में पुलिसिया रौब दिखाते हुए गाली गलौज करना शुरू कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो गाड़ी चलाने वाला पुलिस वाला ना केवल शराब के नशे में धुत था बल्कि सरकारी पुलिस की गाड़ी में शराब की पेटी भी थी। यह बात क्षेत्र में जंगल की आग की तरह फैल गई और धीरे-धीरे काफी भीड़ जमा होने लगी क्षेत्रवासियों को पुलिस वाले का यह रवैया काफी खराब लगा और उन्होंने निकटवर्ती थाने में सूचना देकर पुलिस वाले की इस करतूत को उजागर किया।
शहर में बिक नहीं रही थी दारू तो पुलिस वाला कहां से पीकर आया
आम जनों को समझाइश देने वाले और जरा सी गलती पर आम आदमी के होश ठिकाने लगा देने वाले पुलिस विभाग का एक नुमाइंदा जब खाकी वर्दी में नशे में धुत होकर लड़खड़ाता है तो सवाल उठने लाजमी हैं…
वर्तमान में जबलपुर रेड जोन में है कोरोना का संक्रमण आए दिन किसी न किसी को अपनी चपेट में ले रहा है ।जिसके चलते लॉक डाउन में काफी सख्ती बरती जा रही है । शराब की शहर की सारी दुकानें बंद है.. ऐसे में पुलिसवाला यदि नशे में धुत होकर क्षेत्र की गलियों में हड़कंप मचाता है । तो आम जनता अनायास पूछ ही बैठती है। कि क्या सिर्फ बंदिशें आम जनता के लिए हैं । और आखिरकार शराब दुकान बंद है तो इस पुलिस वाले को पीने के लिए शराब कहां से मिल गई।
मौके पर पहुंची थाना गोरखपुर पुलिस
हंगामा बढ़ते देख क्षेत्रवासियों ने निकटवर्ती थाने में इसकी सूचना दी जानकारी लगने के बाद गोरखपुर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। अपने ही डिपार्टमेंट के एक निरीक्षक को खाकी वर्दी को नशे में चूर देख पुलिस वालों को काफी नाराजगी हुई। लेकिन बात डिपार्टमेंट की थी लिहाजा ज्यादा तमाशा ना बनाते हुए। पुलिस ने निरीक्षक का मेडिकल परीक्षण कराया है और अग्रिम कार्यवाही के लिए उनके विभाग को सूचना भी दे दी है। वही पुलिस के कुछ अधिकारियों ने भी माना की निरीक्षक की इस हरकत से विभाग की छवि धूमिल जरूर हुई है।
पुलिस द्वारा नहीं किया गया शराब की पेटी का जिक्र
क्षेत्रवासियों पुलिस की गाड़ी को नाली में फंसा देखा तो गाड़ी निकलवाने के लिए आसपास के लोग मदद के लिए दौड़े लेकिन जैसे ही मैं गाड़ी के नजदीक पहुंचे उन्होंने देखा कि गाड़ी में पुलिस वाला नशे में धुत है जो कि ठीक से खड़ा भी नहीं हो पा रहा था आसपास गाड़ी में नजर मारी तो गाड़ी में शराब की 1 पेटी भी रखी थी लेकिन पुलिसिया कार्यवाही के बाद अचानक वह शराब की पेटी गायब हो गई जिसका जिक्र ना तो पुलिस वालों ने किया और ना ही पुष्टि …. अब इस घटना से एक बात तो साफ है कि या तो क्षेत्रवासियों की नजदीकी नजर कमजोर है या फिर मौका ए वारदात से थाने पहुंचने के बीच शराब की पेटी कहीं गायब हो गई हो ।
पुलिस के प्रति यकीन…
आमतौर पर देखा गया है कि ऐसी कुछ घटनाओं से आम जनता का पुलिस के प्रति विश्वास काफी कम हो जाता है और फिर जब पुलिस कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए सख्ती करती है तो पुलिस के रवैए पर सवाल उठने लगते हैं । ऐसे में विभाग को चाहिए कि ऑन ड्यूटी और खाकी वर्दी पहने हुए किसी भी तरीके के लज्जित कार्य को ना कतई बर्दाश्त ना किया जाए साथ ही ऐसे कार्यों में लिप्त व्यक्तियों को तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाए। क्योंकि वर्दी ही कानून के रक्षक की पहचान होती है और इस वर्दी को पहन के जब कोई कानून के खिलाफ कार्य करता है। तो आम जनता की विश्वसनीयता को खो देता है ।

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