रिपोर्ट- हिमांशु दीक्षित
मेडिकल कॉलेज की वॉयरोलॉजी लैब में आज से कोविड-19 की जाँच शुरू
नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में स्थापित वॉयरोलॉजी लैब ने आज से काम करना शुरू कर दिया है । इसी के साथ आज से ही इस लैब में कोविड-19 के मरीजों का टेस्ट (परीक्षण) भी सफलतापूर्वक शुरू हो गया है । महाकौशल क्षेत्र में अभी तक केवल एन.आई.आर.टी.एच. (आईसीएमआर) जबलपुर में ही कोविड-19 मरीजों की जाँच की सुविधा उपलब्ध थी, किन्तु अब यह सुविधा आज से मेडिकल कॉलेज जबलपुर में भी प्रारंभ हो चुकी है ।
अधिष्ठाता डॉ. पी.के. कसार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के वॉयरोलॉजी लैब में कोविड-19 की जाँच की व्यवस्था होना संस्था के लिए एक बड़ी उपलब्धि है । उन्होंने बताया कि राज्य शासन के चिकित्सा शिक्षा विभाग, संभागायुक्त महेशचन्द्र चौधरी और कलेकटर भरत यादव के कुशल मार्गदर्शन और अथक प्रयासों तथा एन.आई.आर.टी.एच. (आईसीएमआर) जबलपुर के निगरानी में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली द्वारा 8 मई को मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग में स्थापित किये गये वॉयरोलॉजी लैब कोविड-19 के मरीजों की जाँच की अनुमति प्रदान की गई ।
डॉ. कसार ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में वॉरोलॉजी लैब की स्थापना मात्र 21 दिनों की अल्प अवधि में पूर्ण कर जाँच भी प्रारंभ कर दी गई । लॉकडाउन जैसे विषम परिस्थितियों में मध्यप्रदेश एवं प्रदेश के बाहर के राज्यों से उपकरण एवं अन्य सामग्रियों की आपूर्ति कराना काफी कठिन कार्य था । लेकिन संभागायुक्त और कलेक्टर श्री यादव सहित उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन एवं सहयोग से सब कुछ निर्धारित समय-सीमा के भीतर संभव हो सका । माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ की ट्रेनिंग आई.सी.एम.आर. जबलपुर से कराई गई । वॉयरोलॉजी लैब की स्थापना के लिए माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रीति सेठ सहित विभाग के समस्त चिकित्सा शिक्षक, लैब टैक्नीशियन, लैब अटेंडेंट एवं अन्य सहयोगी स्टॉफ का सक्रिय सहयोग रहा ।