रिपोर्ट श्रेयांश शुक्ला
आज विश्व थैलेसीमिया दिवस है, यह दिवस इसलिए मनाया जाता है, ताकि थैलेसीमिया बीमारी की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति को हो और इस बीमारी से आने वाली पीढिय़ों को बचाया जा सके। हर वर्ष विश्व थैलेसीमिया दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम होते हैं, लेकिन इस वर्ष देश कोरोना के संकटकाल से जूझने के चलते ऐसा कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पा रहा है, लेकिन थैलेसीमिया पीडि़तों के लिए काम करने वाली तमाम सामाजिक संस्थाओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से सभी को जागरूक करने का काम जरूर किया है।
अगर सरकार व प्रशासन के द्वारा यह अनिवार्य कर दिया जाए तो खत्म होगी बीमारी
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:- कुण्डली मिलान की तरह परिजन युवक व युवती की थैलेसीमिया की जांच आवश्य करवाएं।
:- स्कूल व कॉलेज में प्रवेश के पूर्व थैलेसीमिया की जांच रिपोर्ट सलंग्न करना अनिवार्य किया जाए।
:- गर्भधारण करने वाली महिला की अनिवार्य रूप से थैलेसीमिया की जांच की जाए।
:- गर्भधारण के बावजूद अगर संबंधित डॉक्टर द्वारा थैलेसीमिया की जांच अनिवार्य नहीं की जाती है और थैलेसीमिया से ग्रसित होकर नवजात शिशु का जन्म होता है तो संबंधित डॉक्टर के विरुद्ध कार्यवाही की जाए।
:- विवाह प्रमाण पत्र के साथ थैलेसीमिया की जांच रिपोर्ट अनिवार्य की जाए।
:- प्रत्येक जिला अस्पतालों में नि:शुल्क थैलेसीमिया की जांच की व्यवस्था की जाए।
:- थैलेसीमिया से पीडि़तों के लिए प्रत्येक सरकारी अस्पताल में अलग से सर्वसुविधायुक्त थैलेसीमिया वार्ड बनाया जाए।
:- थैलेसीमिया पीडि़तों को 100 प्रतिशत की विकलांगता प्रमाण का लाभ दिया जाए।
:- थैलेसीमिया पीडि़तों को सरकारी नौकरी में लाभ दिया जाए।
:- थैलेसीमिया पीडि़तों को लगने वाले प्रत्येक यूनिट ब्लड नि:शुल्क दिए जाने की व्यवस्था की जाए।
:-थैलेसीमिया से पीडि़तों के लिए बीएमटी बोन मेरो ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया सरल करते हुए आसानी से इस उपचार का लाभ दिलवाए जाने की दिशा में कार्य किया जाए।
:- शासन द्वारा थैलेसीमिया के जनजागरण के लिए व्यापक पैमाने में अभियान चलाया जाए।
इनका कहना है
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शासन से हम लम्बे समय से मांग करते हुए आ रहे हैं, अगर हमारी मांगों पर ध्यान दिया जाता तो आज नए थैलेसिमीया के मरीजों को आने से रोक दिया जाता और बीमारी खत्म होने लगती। हम अपने मिशन को लेकर सक्रिय हैं, हमारी मांगें एक न एक दिन पूरी होंगी।