दतिया रियासत के 14 वें महाराजा बने अरुणादित्य जूदेव, राज पुरोहित ने किया तिलक

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रिपोर्ट: शेरसिंह यादव (उत्तरप्रदेश हेड)
दतिया। बुन्देलखण्ड की सबसे ताकतवर बुन्देला रियासतों में शुमार रही दतिया रियासत के 14 वें महाराजा अरुणादित्य जूदेव नियुक्त किए गए है, राज पुरोहित ने तिलक कर अरुणादित्य जूदेव को महाराजा घोषित किया है।
दरअसल बुन्देलखण्ड की रियासतों में उत्तराधिकार व राज्याभिषेक की अलग -अलग परंपराएं है। दतिया रियासत की प्रचलित परंपरा के अनुसार महाराजा की गद्दी रिक्त नही रहती।
महाराजा राजेन्द्र सिंह जूदेव के असमय निधन के उपरांत 16 अप्रेल 2020 को उनकी अंतिम यात्रा प्रारंभ होने से पूर्व दतिया रियासत की मान्य परंपरानुसार स्व.महाराजा की पार्थिव देह के दाहिने पैर के अंगूठे पर चंदन का लेप कर उसी चंदन से स्व.महाराजा के ज्येष्ठ पुत्र दतिया रियासत के नए महाराजा अरुणादित्य जूदेव का तिलक कर राज पुरोहित द्वारा राज परिवार के वरिष्ठ सदस्य महाराज घनश्याम सिंह जूदेव व राज परिवार के अन्य सदस्यों, क्षत्रिय समाज के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में दतिया रियासत का महाराजा घोषित किया गया। राज्याभिषेक का औपचारिक कार्यक्रम बाद में आयोजित होगा।
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दतिया राज्य स्थापना से अब तक यह रहे दतिया के राजा-
1- राव भगवान राव जूदेव
2 -राव शुभकरण जूदेव
3- राव दलपत राव जूदेव
4- राव रामचन्द्र जूदेव
5- राजा इंद्रजीत जूदेव
6- राजा शत्रुजीत जूदेव
7 -राजा पारीछत जूदेव
8 -राजा विजय बहादुर जूदेव
9 -महाराजा भवानी सिंह जूदेव
10 -महाराजा गोविंद सिंह जूदेव
11 -महाराजा बलभद्र सिंह जूदेव
12 -महाराजा कृष्ण सिंह जूदेव
13 -महाराजा राजेन्द्र सिंह जूदेव
14- महाराजा अरुणादित्य जूदेव
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राज परिवार में पदनाम भी बदले-
पहले अब
युवराज-अरुणादित्यदेव-महाराजा
महाराज-घनश्याम सिंह -महाराज
महारानी-मनोहरकुँअरि-राजमाता
युवरानी-स्वातिकुँअरि -महारानी
राजकुमार-तरुराजदेव – महाराज
नातीराजा- ह्र्दयस्थ देव – युवराज
नातीराजा-कामाख्यादेव- राजकुमार
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बॉम्बे में जन्म, इंदौर में शिक्षा-
महाराजा अरुणादित्य जूदेव का जन्म 1 जुलाई 1978 को बम्बई में हुआ। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा डेली कॉलेज इंदौर से तथा उच्च शिक्षा BA, LLB देवी अहिल्याबाई विश्व विद्यालय इंदौर से पूर्ण की। वह वर्तमान में सीहोर जिले की बुधनी में एक निजी कंपनी में कार्यरत है।

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