सरकार बनने के 29 दिन बाद शिवराज कैबिनेट का विस्तार, सिंधिया समर्थकों को भी जगह

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भोपाल, 21 April, 2020
मध्य प्रदेश में मंगलवार को शिवराज सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. कमलनाथ सरकार जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन अब करीब एक महीने के बाद 5 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है.
सरकार बनने के 29 दिन बाद शिवराज कैबिनेट का विस्तार, सिंधिया समर्थकों को भी जगह
शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का गठन
मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार का कैबिनेट विस्तारअभी 5 मंत्रियों को दिलाई गई है शपथ
मध्य प्रदेश में सत्ता में वापसी करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया. 29 दिनों के बाद हुए कैबिनेट विस्तार में 5 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है. इनमें कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री भी शामिल हैं. शपथ ग्रहण के दौरान राजभवन में मंत्री समेत कई नेता मास्क पहने हुए भी नज़र आए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया.

इन मंत्रियों ने ली शपथ..

नरोत्तम मिश्रा

कमल पटेल

मीना सिंह

तुलसीराम सिलावट

गोविंद सिंह राजपूत

गौरतलब है कि एक तरफ देश में लॉकडाउन लगा हुआ है और इस दौरान किसी तरह के राजनीतिक कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी जा रही है. इस सबके बीच आज शिवराज सरकार का कैबिनेट विस्तार हुआ है. कोरोना संकट के बीच राज्य में गृह या स्वास्थ्य मंत्री ना होने के कारण विपक्ष शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साध रहा था.
आपको बता दें कि इनमें से तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत की गिनती ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों में होती है. ऐसे में साफ है कि कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में आए सिंधिया का सरकार गठन में बड़ा रोल रहा है.
राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने सभी नए मंत्रियों को शपथ दिलवाई. इस दौरान भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी वहां पर मौजूद रहीं.
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा में कुल 230 सीटें हैं. इस हिसाब से सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल 35 विधायक मंत्री बन सकते हैं. शिवराज की नई सरकार में सामाजिक समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कवायद दिखी.

कमलनाथ सरकार गिरने के बाद ‘मामा’ की वापसी

कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्‍विजय सिंह से अनबन होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके बाद सिंधिया के 22 समर्थक विधायकों ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, जिसमें 6 कैबिनेट मंत्री भी शामिल थे.

इसी वजह से कमलनाथ की सरकार गिर गई थी और एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान को राज्य का सीएम बनने का मौका मिला. कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले सिंधिया के 22 समर्थक विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया.

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