सर्दी हो और कश्मीर की पारंपरिक कांगड़ी का जिक्र न हो, ऐसा कैसे हो सकता है। भले ही बाहर बर्फ गिर रही हो और तापमान शून्य से नीचे माइनस में चला जाए, कांगड़ी का एहसास ही आपको गर्माहट ला देगा। आधुनिक इलेक्ट्रानिक उपकरणों के इस दौर में भी कांगड़ी का क्रेज कम नहीं हुआ है। खुद को गर्म रखने से लेकर ड्राइंग रूम में सजाने तक कांगड़ी का इस्तेमाल हो रहा है। कश्मीर की हस्तशिल्प की पहचान कांगड़ी अब पहाड़ों से निकलकर जम्मू, हिमाचल प्रदेश, मैदानी इलाकों और विदेशों में भी धाक जमा रही है।