हनुमत कथा से होता है जीवन का उद्धार : बागेश्वरधाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज बुधवार को आएंगे भीलवाड़ा, हनुमन्त कथा के लिए तैयारियां पूरी
दादीधाम मंदिर से कथास्थल तक भव्य शोभायात्रा कल निकाली जाएगी
श्री टेकरी के हनुमानजी कथा समिति के पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता में दी जानकारी
इसीलिए सच ही कहा है सुमिर पवनसुत पावन नामु अपने बस कर रखे रामु
गौरव रक्षक/ राजेन्द्र शर्मा
भीलवाड़ा, 4 नवम्बर। विख्यात आध्यात्मिक गुरू व कथावाचक बागेश्वरधाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री महाराज के मुखारबिंद से छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महन्त श्री बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में श्री टेकरी के हनुमानजी कथा समिति के तत्वावधान में 6 से 10 नवम्बर तक तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड कथास्थल पर श्री हनुमन्त कथा आयोजन के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है। कथा प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक होगी। पांच दिवसीय आयोजन के तहत 8 नवम्बर को सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक बागेश्वरधाम सरकार का दिव्य दरबार लगेगा। श्री हनुमन्त कथा से पूर्व मंगलवार 5 नवम्बर को शाम 4 बजे दादीधाम मंदिर से कथास्थल तक भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें एक हजार आठ कलश सिर पर धारण किए मातृशक्ति भी शामिल होंगी। कथा आयोजन समिति की ओर से सोमवार दोपहर कथा ग्राउण्ड पर पत्रकार वार्ता में आयोजन से जुड़ी तैयारियों पर जानकारी दी गई। हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महन्त श्री बनवारीशरण काठियाबाबा ने बताया कि श्री हनुमन्त कथा श्रवण कराने के लिए बागेश्वरधाम सरकार पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री गुरूवार सुबह हेलिकॉप्टर से भीलवाड़ा पहुचेंगे। उनका आयोजन समिति द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा। इस आयोजन को सफल बनाने में आयोजन समिति के अध्यक्ष विधायक गोपाल खण्डेलवाल, संरक्षक प्रकाश छाबड़ा एवं संयोजक आशीष पोरवाल के नेतृत्व में श्री टेकरी के हनुमानजी कथा समिति के सभी सदस्य एवं पदाधिकारी पूरे समर्पित भाव से जुटे हुए है ओर समाज के सभी वर्गो का सहयोग इस आयोजन के लिए प्राप्त हो रहा है। विशेषकर छोटी हरणी के निवासियों का भी खूब सहयोग इस कार्यक्रम के लिए मिल रहा है। कथा समिति के अध्यक्ष विधायक गोपाल खण्डेलवाल ने कहा कि कथा स्थल पर एक लाख से अधिक श्रद्धालुजन बैठ सके इसकी व्यवस्था की गई है। करीब पौने दो लाख वर्ग फीट का विशाल डोम तैयार करने के साथ 40 से अधिक विशाल एलईडी भी लगाई जाएगी। दिल्ली से आए कारीगरों की टीम ने डोम तैयार किया है। भीलवाड़ा व अन्य स्थानों से बागेश्वरधामजी महाराज के दर्शन व कथा श्रवण के लिए आने वालों को कोई परेशानी नहीं हो इसके लिए समुचित प्रबंध किए गए है। अलग-अलग खण्ड बनाए जा रहे ताकि आगमन ओर निकलने में कोई परेशानी नहीं आए। वाहनों की पार्किंग की भी कथास्थल से जुड़े मार्गो पर पूरी व्यवस्था रहेगी। उन्होंने बताया कि कथा समिति द्वारा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया,राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री दीयाकुमारी व डॉ. प्रेमचंद बैरवा, चित्तौड़गढ़ सांसद एवं भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी आदि को आमंत्रित किया जा चुका है। आयोजन में भीलवाड़ा सांसद दामोदर अग्रवाल, विधायक अशोक कोठारी एवं नगर निगम महापौर राकेश पाठक सम्मानित अतिथि होंगे। प्रशासन व पुलिस के स्तर पर भी पूरा सहयोग प्राप्त हो रहा है। विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठन भी इस आयोजन के लिए सहयोग प्रदान कर रहे है। समिति के संरक्षक प्रकाश छाबड़ा ने बताया कि इस आयोजन को एतिहासिक सफलता मिले इसके लिए हमारी पूरी टीम दिनरात जुटी हुई है। हमारी भावना है कि भीलवाड़ा में यह ऐसा एतिहासिक आयोजन जिसकी चर्चा राजस्थान में ही नहीं पूरे हिन्दुस्तान में हो। हमे विश्वास है कि भीलवाड़ावासियों के सहयोग से ये ऐसा आयोजन साबित होगा जो अविस्मरणीय व यादगार बन जाएगा। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या व परेशानी नहीं आए इसके लिए कथास्थल पर पार्किंग व पेयजल आदि सुविधाओं का भी प्रबंध रहेगा। उन्होंने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर भी हमे पूरा सहयोग मिल रहा है। जिला प्रशासन व पुलिस के अधिकारी भी कथा ग्राउण्ड में आकर पूरी व्यवस्था देख चुके है। पत्रकार वार्ता में आयोजन समिति के संरक्षक त्रिलोकचंद छाबड़ा, प्रकाशचन्द छाबड़ा, महावीरसिंह चौधरी,कैलाशचन्द्र कोठारी, उमरावसिंह संचेती, सम्पतराज चपलोत, महासचिव श्यामसुंदर नौलखा, कोषाध्यक्ष राकेश दरक, उपाध्यक्ष कैलाशचन्द्र योगेश लड्ढा, चितवन व्यास, नवनीत सोमानी, राधेश्याम बहेड़िया, बनवारीलाल मुरारका, दिनेश नौलखा, मुकेश खण्डलेवाल,दिनेश बाहेती, सचिव हेमेन्द्र शर्मा,सहसचिव राजेन्द्र कचोलिया, संयुक्त सचिव दिलीप काष्ट, धर्मराज खण्डेलवाल, कांतिलाल जैन, उज्ज्वल जैन सहित समिति के कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी मौजूद थे।