शूटिंग खिलाड़ी हर्षिता ने की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मुलाकात : राजे ने किया हर्षिता का उत्साहवर्धन, बेहतर प्रदर्शन करने के लिए किया प्रेरित
गौरव रक्षक/प्रियला शर्मा
भीलवाड़ा, 14 जुलाई। जयपुर की जगतपुरा शूंटिंग रेंज में आयोजित 22 वीं राजस्थान स्टेट चैंपियनशिप राइफल, पिस्टल प्रतियोगिता 2024 में भीलवाड़ा की बेटी हर्षिता भार्गव ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्वाइंट 22 पिस्टल की 25 मीटर व 50 मीटर स्पर्धा में एक बार फिर ऑल इंडिया चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया। 10 मीटर एयर पिस्टल में हर्षिता ने 400 में 376 अंक प्राप्त कर श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। पूर्व में भी हर्षिता नेशनल के लिए क्वालिफाई कर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुकी है।
हर्षिता के पिता राजेंद्र भार्गव ने बताया कि राष्ट्रीय पिस्टल शूटिंग विजेता हर्षिता भार्गव ने पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के जयपुर स्थित 13 नंबर बंगले पर जाकर उनसे भेंट की।
पूर्व सीएम श्रीमतीवसुंधरा चर्चा करते हुए
श्री राजे ने हर्षिता भार्गव से शूटिंग में उसके प्रदर्शन के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ली और भरोसा जताया कि हर्षिता एक दिन इंडियन टीम में शामिल होकर ओलम्पिक खेलने जरूर जाएगी। हर्षिता ने कहा कि वह पूरी ईमानदारी और निष्ठा से इस खेल को खेलती है और एक दिन देश के लिए गोल्ड मेडल जरूर जीतकर लाएगी।
अब तक यह उपलब्धियां हासिल कर चुकी हैं हर्षिता
भीलवाड़ा की बेटी हर्षिता ने राजस्थान सरकार के युवा मामले व खेल विभाग की ओर से आयोजित प्रथम राज्य खेल प्रतियोगिता 2019-20 में महिला वर्ग में गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके अलावा गुजरात अहमदाबाद में जीवी मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप में सिल्वर और ब्रांज मेंडल प्राप्त कर चुकी है। राइफल एसोसिएशन के तत्वाधान में 2019 में जगतपुरा रेंज में आयोजित राज्य स्तरीय ओपन शूटिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल प्राप्त किया।
खेल मंत्री कर्नल राज्यवर्धनसिंह राठौर ने 2022 में गुरूकुल स्पोर्ट्स एकेडमी में आयोजित सम्मान समारोह में हर्षिता भार्गव को सम्मानित किया।
हर्षिता को 2022 में ही गणतंत्र दिवस पर जिला स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है।
राजस्व मंत्री जिला कलेक्टर पुलिस अधीक्षक सम्मान करते हुए l
राजस्थान से खेलने हेतु मध्यप्रदेश का प्रस्ताव ठुकराया
हर्षिता के पिता राजेंद्र भार्गव बताते है कि भोपाल स्थित मध्यप्रदेश शूटिंग अकादमी ने हर्षिता का निशुल्क प्रशिक्षण के लिए चयन किया था। यहां पर उसका रहना, खाना, पिस्टल, कारतूस, ड्रेस आदि सभी खर्च मध्यप्रदेश सरकार वहन करती थी। करीब चार माह से ज्यादा समय तक उसने वहां प्रशिक्षण लिया किंतु मध्यप्रदेश से खेलने की बाध्यता की शर्त सामने आते ही हर्षिता ने राजस्थान से ही खेलने की मंशा जताते हुए निशुल्क अकादमी प्रशिक्षण छोड़ दिया।
फिलहाल परिवार ही हर्षिता के प्रशिक्षण का खर्च उठाता है। कोई भामाशाह आगे आकर सहायता की पेशकश करता है तो ही वह उसका सम्मान रखते हुए स्वीकार कर लेती है।