बेटे की ऐसी भूख की , पति ने अपनी पत्नी को बेटी के आंखों के सामने मां को जिंदा जला दिया था । चीख सुनकर सहम गई थी बेटी….
गौरव रक्षक/ राजेंद्र शर्मा
जयपुर 4 मार्च ।
सोचो इस बेटी पर क्या बीती होगी ? जिसके सामने उसकी मां को जिंदा जला दिया उसके ही बाप ने ! आखिर जांबाज बेटी ने सिस्टम से लंबी लड़ाई लड़ कर हत्यारे पिता को सलाखों के पीछे भेज दिया ।
एक लड़की जो अपनी मां की मौत के लिए अकेली 6 साल तक सिस्टम से लड़ी। आरोपी को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया। ये आरोपी लड़की का पिता था। ये कहानी है उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली लतिका बंसल (21) की। जिन्होंने शनिवार को जयपुर में आयोजित ‘वी द विमन’ फेस्टिवल में बयां की । लड़की की इस कहानी को सुनकर पूरा ऑडिटोरियम सन्न रह गया ।
जयपुर के क्लार्क आमेर में वुमन डे पर आयोजित इस फेस्टिवल में देश की कई महिलाओं और युवतियों ने अपने जीवन के संघर्ष और सफलता की कहानियों को मंच के जरिए बताया। इनमें से एक कहानी लतिका की भी थी ।
लतिका ने बताया कि 14 जून 2016 की वो सुबह थी जब वो (15 साल) और उसकी छोटी बहन (10 साल) चिल्लाने की आवाज सुनकर उठी। कमरे की खिड़की से देखा तो सामने उनकी मां जिंदा जल रही थी और पिता पास ही खड़े थे । मां की चीख सुनकर दोनों बच्चियां सहम उठीं और ये सब कोई और नहीं बल्कि उनके पिता की करतूत थी ।
न पुलिस ने साथ दिया और न प्रशासन ने
लतिका ने ऑडिटोरियम में बताया कि हमारी एक सामान्य फैमिली थी । पिता मनोज बंसल प्राइवेट नौकरी करते थे। पिता शराब के आदि थे, जिसके कारण हमेशा घर में पैसों की तंगी रहती थी ।
हमारी मां दिन-रात कपड़ों की सिलाई करके हमारी जरूरतों को पूरा करती। इसके बाद भी पापा उन्हें रोज शराब पीकर गालियां देते और हमारे सामने पीटते।
इस का कारण हमारा भाई नहीं होना था।
पापा चाहते थे कि घर में एक लड़का हो, लेकिन हम दो लड़कियां होने से वो खुश नहीं थे। जिसके कारण उस दिन उन्होंने मां को जिंदा जला दिया। मां की मौत के बाद जब हमने पुलिस और प्रशासन में शिकायत की तो हमारी किसी ने नहीं सुनी।
बच्चे जिस उम्र में पार्क- मॉल जाते हमने उस उम्र में थाने, कोर्ट के चक्कर लगाए
लतिका ने बताया कि हमारी शुरू में पुलिस ने कई दिनों तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की। क्योंकि पापा के परिवार में फूफा और चाचा बड़े रसूखदार थे, जिनके बड़े नेताओं से संपर्क थे। उनके घर पर बड़े पुलिस अधिकारियों, नेताओं का आना-जाना था।
उल्टा हम पर ही दबाव बनाया कि केस वापस ले लिया जाए। उसके बाद हमारी मदद वकील संजय शर्मा ने की और उन्होंने ही हमारा केस लड़ा। जिस उम्र में बच्चे पार्क, मॉल, सिनेमा जाते थे, उस उम्र में मैं और मेरी छोटी बहन कोर्ट, पुलिस थाने, डीएम और एसपी ऑफिस के चक्कर काटती थी। मेरी छोटी बहन ने कोर्ट में खड़े होकर पापा के खिलाफ बयान दिए।
मां के जलने के बाद हॉस्पिटल में उनकी डेडबॉडी के सामने खड़ी लतिका बंसल और उनकी छोटी बहन ।
उम्र कैद से भी कठोर सजा मिले
करीब 6 साल के लंबे संघर्ष के बाद आखिर 27 अगस्त 2022 को सेशन कोर्ट से हमे न्याय मिला और पापा को उम्र कैद की सजा सुनाई।
मगर मैं चाहती हूं कि जिस तरह उन्होंने मेरी मम्मी को जीवन भर यातनाएं दीं और अंत में इतनी दर्दनाक मौत दी, मैं चाहती हूं उस दर्द का एहसास उनको होना चाहिए। उनको उम्र कैद से भी बढ़कर कठोर कोई सजा हो तो वो मिल सके।
(लतिका बंसल की मां और उसकी छोटी बहन)
मेरे और बहन के खिलाफ दर्ज करवाया मुकदमा
लतिका ने बताया- सेशन कोर्ट से सजा दिलवाने के बाद पापा के परिवार वालों ने मेरे, मेरी बहन और मेरे नानी, मामा के खिलाफ धमकाने, गलत बात फैलाने के संबंध में मुरादाबाद थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है।
इसको लेकर हर रोज वहां से पुलिस हमारे घर आती है और हमें परेशान करती है। हमने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने की गुहार लगाई है, लेकिन हमें समय नहीं मिल रहा है।
इसके अलावा पापा को उम्र कैद से बचाने के लिए उनके परिवार वालों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका लगा दी है, जहां हमारा केस चल रहा है । इस कहानी को सुनकर वहां बैठे लोग दंग रह गए ना तो लोगो से तालियां बजाते बन रहा था ना आंसू बहाते बन रहा था ।