गौरव रक्षक/ राजेंद्र शर्मा
जयपुर/ 21 जून 2022
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए वाहन चालकों की सतर्कता आवश्यक
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट “रोड एक्सिडेंट्स इन इंडिया-2020 के अनुसार हमारे देश में सड़क हादसों में सबसे अधिक मृत्यु युवाओं की होती है और सड़क हादसों में बड़ी संख्या में लोग बुरी तरह घायल भी होते हैं। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए यातायात पुलिस व परिवहन विभाग के प्रयासों के साथ ही वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों का पालन व सड़क पर सतर्कता भी आवश्यक है।
इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 के दौरान देश में कुल 3 लाख 66 हजार 138 सड़क हादसे हुए और इनमें 1 लाख 31 हजार 734 व्यक्ति काल कलवित हो गए। सड़क हादसों में 3 लाख 48 हजार 279 लोग घायल हुए। औसतन प्रत्येक 100 सड़क हादसे में 36 लोगों की मृत्यु हुई है। 69 प्रतिशत व्यक्ति 18-45 आयु वर्ग के
वर्ष 2020 में सड़क हादसों की चपेट में आने वालों में 69 प्रतिशत व्यक्ति 18-45 आयु वर्ग के युवा थे।
रिपोर्ट के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं में 87.4 प्रतिशत लोगों की हिस्सेदारी 18-60 वर्ष के कामकाजी आयु वर्ग के लोगों की थी। रिपोर्ट के अनुसार सड़क दुर्घटना के कारण वर्ष 2020 में कुल 56 हजार 334 पुरुष और 1 हजार 551 महिला ड्राइवरों की मृत्यु हुई। इनमें से 42 हजार 923 पुरुष और 1179 महिला ड्राइवरों की मौत युवा वर्ग समूह 18-45 में हुई। वर्ष 2020 में कुल 1 लाख 20 हजार 806 घातक दुर्घटनाओं में से 43 हजार 412 राष्ट्रीय राजमार्गों पर 30 हजार 171 राज्य राजमार्गों पर और 47 हजार 223 अन्य सड़कों पर हुई
69.3 प्रतिशत लोगों की मौत ओवर स्पीडिंग के कारण
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि वर्ष 2020 में 69.3 प्रतिशत लोगों की मौत ओवर स्पीडिंग के कारण हुई। गलत दिशा में गाड़ी चलाने से हुए हादसे में 5.6 प्रतिशत लोगों की मृत्यु हुई। हेलमेट का इस्तेमाल नहीं करने के कारण वर्ष 2020 में 30.1 प्रतिशत मौत हुई। इसी प्रकार 11 प्रतिशत से अधिक मौतें और चोर्ट सीट बेल्ट का उपयोग नहीं करने के कारण हुई।
राजस्थान में 20,949 सड़क दुर्घटनाओं में 10,042 व्यक्तियों की मृत्यु
राजस्थान में वर्ष 2020 में कुल 19 हजार 121 सड़क दुर्घटनाएं हुई और इन सड़क दुर्घटनाओं में 9 हजार 260 व्यक्तियों की मृत्यु हुई और 16 हजार 759 व्यक्ति घायल हुए। वर्ष 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई और 20 हजार 949 सड़क दुर्घटनाओं में 10 हजार 042 व्यक्तियों की मृत्यु और 19 हजार 364 व्यक्ति घायल हुए। वर्ष 2021 में हुई 20 हजार 949 सड़क दुर्घटनाओं में से लगभग 20 प्रतिशत अर्थात 3 हजार 972 सड़क दुर्घटनाएं भारी वाहनों के कारण, लगभग 35 प्रतिशत अर्थात 7 हजार 149 सड़क दुर्घटनाएं कार व जीप इत्यादि से, 28 प्रतिशत अर्थात 5 हजार 767 सड़क दुर्घटनाएं दुपहिया वाहन से और अन्य वाहनों से 4 हजार 061 सड़क दुर्घटनाएं हुई। कुल दुर्घटनाओं में से 6 हजार 424 सड़क दुर्घटनाएं राष्ट्रीय राजमार्ग, 3 हजार 560 राज्य राजमार्गों और 10 हजार 964 अन्य मार्गों पर हुई सड़क दुर्घटनाओं में से दो तिहाई अर्थात 13 हजार 641 सड़क दुर्घटनाएं दिन में और एक तिहाई अर्थात 7 हजार 308 सड़क दुर्घटनाएं रात्रि काल में हुई।
वर्ष 2022 में राजस्थान में मई माह तक गत वर्ष की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक अर्थात कुल 10 हजार 105 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी है। इन सड़क दुर्घटनाओं में 4 हजार 280 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है एवं 10 हजार 107 व्यक्ति घायल हुए हैं। इस वर्ष मई माह तक हुई सड़क दुर्घटनाओं में सर्वाधिक 562. सड़क दुर्घटनाएं उदयपुर जिले में सर्वाधिक 61 व्यक्तियों की मृत्यु चित्तौड़गढ़ जिले में और सर्वाधिक 513 घायलों की संख्या जयपुर ग्रामीण में हुई है।
बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण वाहन चालकों द्वारा वैधानिक चेतावनियों को नजरअंदाज करना है। आमतौर पर यातायात नियमों के प्रति रवैया लापरवाही बरतने का होता है और यही सड़क • दुर्घटनाओं का कारण बन जाता है। समय पर रवाना नहीं होकर गंतव्य तक समय पर पहुंचने की जल्दी कई बार घातक हो जाती है। कई यंगस्टर्स रेसिंग या स्टंट करके दुर्घटना के शिकार होते हैं। अधिकांश गंभीर सड़क दुर्घटनाओं के लिए नशा जिम्मेदार है। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध हो चुका है कि शराब से दिमाग की सोचने और ठीक से प्रतिक्रिया करने की क्षमता कम हो जाती है। थका हुआ या नींद महसूस होने पर भी वाहन चलाने से दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है। कई राष्ट्रों में वाहन चालक 24 घंटे की अवधि में अधिकतम 8 घंटे ही वाहन चला सकते हैं और वह भी हर 3 घण्टे में एक अनिवार्य ब्रेक लेकर गड्ढे, टूटी सड़कें, खुले मैनहोल आदि दुर्घटनाओं की संभावना को बढ़ाते हैं। अतः उनका ध्यान रखा जाना आवश्यक है।
वाहन चलाते समय हेलमेट और सीटबेल्ट पहनने पर यह दुर्घटना की स्थिति में प्रभाव को कम करता है। वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने से दिमाग का डायवर्सन होता है और इससे दुर्घटना हो सकती है रेड लाइट जंप करना घातक होता है। अमेरिका जैसे देशों में तो भले ही सड़क खाली हो, लेकिन हर चौराहे पर 7 सेकंड रुककर चारों तरफ देखने के बाद ही आगे बढ़ने के नियम की भी पालना की जाति है। हेडलाइट्स और टेल लाइट्स वर्किंग कंडीशन में रखने के साथ ही वाहन को अच्छी स्थिति में रखना भी जरूरी है। खराब मौसम (बारिश, तूफान आदि) में दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।
हमारे देश में सड़क दुर्घटनाओं के कारण प्रति वर्ष लगभग 1.5 लाख लोगों की मृत्यु होती है। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए यातायात पुलिस एवं परिवहन विभाग अपने स्तर पर व्यापक पैमाने पर प्रयास कर रहे हैं। साथ ही दुर्घटना संभाव्य क्षेत्रों कर तकनीकी सुधार भी किया जा रहा है। इन सबके बावजूद वाहन चालकों की सतर्कता ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी ला सकती है।