सड़क सुरक्षा पखवाड़ा
जिले के सभी थानों के अनुसंधान अधिकारियों, चिकित्साकर्मियों ने
आईरेड, अपंजीकृत ट्रेक्टर-ट्रोलियों के पंजीयन, जीवन दायिनी तथा सड़क दुर्घटनाओं का वैज्ञानिक पद्धति से अनुसंधान का लिया प्रशिक्षण
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
भीलवाड़ा 16 फरवरी। सडक सुरक्षा पखवाडे के तीसरे दिन चिकित्सा अधिकारियों एवं नर्सिगकर्मियों को आईएमए हॉल, महात्मा गांधी अस्पताल परिसर में प्रातः 11 से 01 बजे तक सडक सुरक्षा पर जिला परिवहन अधिकारी डॉ वीरेन्द्र सिंह राठौड़, मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षक योजना पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मुश्ताक खान, आईरेड पर एनआईसी के रालॅआउट मैनेजर श्री उदय लाल तिवाड़ी एवं जीवन दायिनी प्रशिक्षण सहायता संस्था, जयपुर की डॉ. अचला कपूर एवं उनकी टीम ने दिया।
प्रशिक्षण में 80 से अधिक चिकित्साकर्मियों ने भाग लिया। डॉ राठौड़ ने सड़क सुरक्षा चक्र, गतिसीमा तथा लेन ड्राइविंग के बारे में बताते हुए दुर्घटना के बाद चिकित्साकर्मियों की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया।
आईरेड के बारे में श्री तिवाड़ी ने सड़क दुर्घटनाओं की रियल टाइम शत प्रतिशत ऑनलाईन एंट्री हेतु चिकित्साकर्मियों को बताया। एएसपी सुश्री ज्येष्ठा मैत्रेयी ने पुलिस एवं चिकित्साकर्मियों को दुर्घटना के बाद की स्थिति में अपनी-अपनी भूमिका के बारे में बेहतर करने के साथ चिकित्साकर्मियों को शपथ दिलाई।
सीएमएचओ डॉ. मुश्ताक खान ने सभी चिकित्साकर्मियों को मास्टर ट्रेनर बनकर जिलें में प्रशासन द्वारा तय किये गये 25000 फर्स्ट रेस्पोण्डर बनाने का आहवान किया।
एनसीसी के प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में सभी एनसीसी कैडेट को डॉ वीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने सड़क सुरक्षा एवं जीवन रक्षा का प्रशिक्षण प्रिसींपल शैलजा उपमन्यु, कर्नल शर्मा तथा शिविर प्रभारी गोदारा की उपस्थिति में प्रशिक्षण देकर उन्हें रोड़ सेफ्टी एम्बेसेडर बनकर इस सड़क सुरक्षा अभियान से जुड़ने की अपील की गई।
नगर परिषद के टाउन हॉल मे परिवहन एवं सडक सुरक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, एनआईसी यातायात पुलिस, सहायता संस्था, जयपुर के संयुक्त तत्वाधान मे जिले के सभी थानों के अनुसंधान अधिकारियों को आईरेड, अपंजीकृत ट्रेक्टर-ट्रोलीयों के पंजीयन, जीवन दायिनी तथा सड़क दुर्घटनाओं का वैज्ञानिक पद्धति से अनुसंधान का लिया प्रशिक्षण सडक सुरक्षा एवं जीवन दायिनी प्रशिक्षण कायशाला का आयोजन किया गया।
डॉ वीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने मोटर वाहन अधिनियम के नवीनतम सड़क सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों के बारे में बताते हुए सभी अनुसंधान अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं के अनुसंधान में उसके अनुरूप करने की अपील की तथा दुर्घटना स्कैच हाथ से न बनाकर टेम्पलेट एवं पैमाने का उपयोग कर बनाने का तरीका बताया ताकि सड़क दुर्घटना के वास्तविक कारणों एवं दोषों को भविष्य में दूर करने में सफलता मिल सकें।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा मैत्रेयी ने सभी पुलिसकर्मियों को आईरेड साफ्टवेयर में पुलिस एंट्री तत्काल करने के साथ वाहन तब तक रिलीज नही करें जब तक कि मोटरवाहन निरीक्षक द्वारा वाहन के निरीक्षण रिपोर्ट इन्द्राज न हो जाये इसके लिए आपस में समन्वय बनाकर तत्काल कार्यवाही करें अपने-अपने थाना क्षेत्रों में अपंजीकृत ट्रेक्टर की ट्रालियों को पंजीकरण कराने तथा उनका बीमा कराने के लिए समझाइश के साथ विधिक कार्यवाही भी करने को कहा। जिलें में 28000 से अधिक ट्रेक्टर है जिसमें से 22000 से अधिक ट्रोलिया है जो मोटर वाहन होते हुए भी बिना पंजीयन एंव बीमा के संचालित हो रही है। ऐसे ट्रेक्टर-ट्रालिया खनन लीज में तथा ठेकेदारों द्वारा भी उपयोंग में ली जा रही है।
डॉ अचला कपूर द्वारा पुलिसकर्मियों को दुर्घटना से अस्पताल तक के सफर में बरती जाने वाली सावधानियों को प्रायोगिक तौर पर समझाया। सीएमएचओ डॉ मुश्ताक अहमद ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षक योजना के तहत पुलिस एवं चिकित्साकर्मियों को सामुहिक प्रयास कर घायलों की मदद करने वाले भले व्यक्तियों को इस योजना का लाभ दिलाने का आहवान किया।
तथा शहर के विभिन्न चौराहो पर पुलिस, शिक्षक एवं एनजीओ द्वारा समझाइश की गई तथा यातायात पुलिस द्वारा कई वाहनों में रिफ्लेक्टिव टेप लगाई गई।
गुरूवार को नगर परिषद द्वारा शहर के आवारा जानवरों को पकड़ने का अभियान चलाया जायेगा तथा पुलिस एवं सड़क सुरक्षा विभाग द्वारा ऐसे आवारा जानवरों के रिफ्लेक्टिव टेप बेल्ट नगर परिषद के सहयोग से लगायी जायेगी।