रिजेक्टेड AK-47 राइफल पार्ट्स चोरी मामले में एन आई ए ने दाखिल की चर्जशीट,। चार्जशीट में सीओडी के एक्स आर्मोर को बताया मुख्य आरोपी।
2018 में हुए रिजेक्टेड AK-47 राइफल पार्ट्स चोरी कांड में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने चार्जशीट दाखिल कर दी है।चाजर्शीट में खुलासा किया गया है कि स्टोर से 70 रिजेक्टेड एके-47 रायफल पार्ट्स के रूप में चोरी करके असेम्बल किए गए थे। एके-47 को बिहार के मुंगेर में बेचा गया था, जहां से ये नक्सलियों तक पहुंचाई गईं।मामले की जांच कर रही एनआईए ने चार्जशीट में जबलपुर सीओडी के एक्स आर्मोरर को मुख्य आरोपी बताया है।
जानिए क्या है पूरा मामला,
जबलपुर सेंट्रल ओर्डिनेंस डिपो के स्टोर से 70 के लगभग रिजेक्टेड एके-47 रायफल पार्ट्स के रूप में चोरी किए गए। स्टोर कीपर अधारताल निवासी सुरेश ठाकुर इस डिपो के पूर्व आर्मोरर गोरखपुर पंचशील नगर निवासी पुरुषोत्तम लाल रजक को देता था।
पुरुषोत्तम लाल रजक उसे असेम्बल कर अलग-अलग तारीखों में बिहार के मुंगेर में तस्करों तक पहुंचाता था। पुरुषोत्तम मूलत: रीवा का रहने वाला है और 2008 में सीओडी से रिटायर हुआ था।
एनआईए की जांच में बताया गया कि आरोपी लांस नायक नियाजुल रहमान की 2002 में लखनऊ में पुरुषोत्तम से मुलाकात हुई थी। उसी दौरान तस्कर शमशेर व इमरान से भी परिचय कराया था। बाद में उसका तबादला सीओडी जबलपुर हो गया। 2002 में उसने पहली बार एसएलआर निकाला।
29 जुलाई 2018 को हुआ था भंडाफोड़
बिहार के जमालपुर थाने की पुलिस ने 29 जुलाई 2018 को बरदह गांव निवासी मोहम्मद इमरान आलम और शमशेर को दबोचा था। दोनों के पास से 5 एके-47 राइफल, 30 मैगजीन, एके-47 राइफल का 7 पिस्टन, 7 स्प्रिंग, सहित अन्य पुर्जे जब्त हुए थे।
यह हथियार उसे स्टेशन पर पुरुषोत्तम लाल रजक और उसकी पत्नी चंद्रवती ने दिया था। मुंगेर में हुई गिरफ्तारी के आधार पर जबलपुर की गोरखपुर और क्राइम ब्रांच पुलिस ने चार अगस्त को पुरुषोत्तम रजक, पत्नी चंद्रवती, बेटा शैलेंद्र और अधारताल निवासी सुरेश ठाकुर को दबोचा था।
पुलिस ने पुरुषोत्तम से भारी मात्र में एके-47 के पार्ट्स जब्त हुए थे। 20 दिसंबर 2018 को पुलिस ने न्यायालय में चालान पेश कर दिया। एनआईए की जार्चशीट में जबलपुर स्थित सीओडी से वर्ष 2002 से 2018 के दौरान एके-47 सहित अन्य हथियारों को पार्ट्स के तौर पर निकाला गया और उसे असेम्बल कर बेचे जाने की बात का उल्लेख किया गया है।एके- 47 हथियारों को मुंगेर के तस्करों के माध्यम से नक्सलियों और बदमाशों को 5 से 8 लाख रुपए में बेचे गए हैं।