भाजपा के क्षत्रपो को मोतियाबिंद हुआ….???? नहीं दिख रही भविष्य की आहट

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रिपोर्ट – शिवभानु सिंह बघेल

भाजपा के क्षत्रपो को मोतियाबिंद हुआ….????
नहीं दिख रही भविष्य की आहट

सतना -अपने आप को विन्ध्य का क्षत्रप कहलाने का शौक रखने वाले सांसद गणेश सिंह व कुछ और नेताओं को ऐसा लगता है कि उन्हें मोतियाबिंद हो गया है, उन्हें भविष्य की आहट दिखाई नहीं दे रही है । ये नेता सत्ता सुख भोगते -भोगते आत्ममुग्धता में ही रहे और इनकी राजनीति भी आत्मकेंद्रित हो गई 25 व 26 जनवरी को हुआ मुख्यमंत्री का दौरा कई सवाल छोड़ गया हैं । दौरे में गणेश सिंह यह दर्शाते रहे कि विन्ध्य में विकास की गंगा बह रही है ,और सब कुछ ठीक-ठाक है ,क्षेत्र के दौरे में मुख्यमंत्री को जनता से दूर रखने का हर संभव प्रयास किया गया ज्ञापन भी नेताओं के मनपसंद वाले ही उन तक जा पाए । शहर में सांसद ने वंशवाद के अमरबेल बढ़ाने का खुलेआम प्रदर्शन किया । यहां लगे होल्डिंग इनकी गवाई खुद दे रहे हैं क्षेत्र की राजनीति को देखकर लगता है कि अब भाजपा संगठन नहीं व्यक्ति आधारित पार्टी बनने की ओर अग्रसर है । यह देखा गया कि जिन विधायकों के दम पर शिवराज सिंह मुख्यमंत्री है, उन विधायकों व संगठन की उपेक्षा से वे अनजान है ऐसा आभास हुआ जैसे इस पारी में मुख्यमंत्री का अपना राजनीतिक सूचना तंत्र कमजोर हुआ है या फिर वे जानबूझकर यह व्याप्त विसंगतियों को अनदेखा कर रहे हैं ।
इन दिनों यहां अलग विंध्य प्रदेश तथा बरगी व नर्मदा का पानी जैसे मुद्दा सुलग रहे है जहां अलग विंध्य प्रदेश का मुद्दा भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के हाथों में है तो पानी का मुद्दा पूर्व विधायक राम प्रताप सिंह के हाथों में है शायद इसी मजबूरी ने स्वर्ण आयोग बनाने की घोषणा करने हेतु मजबूर किया हो । अलग विंध्य प्रदेश की अलग जगाने स्वर्गीय अर्जुन सिंह की जन्मभूमि चुरहट पहुंचे नारायण त्रिपाठी का जिस तरह प्रभावी भीड़ में स्वागत किया, उनको राजनीतिक पंडित हल्का लेने को तैयार नहीं है, उनका मानना है कि सांसद गणेश सिंह, मंत्री रामखेलावन पटेल ,विधायक प्रदीप पटेल के साथ कांग्रेस विधायक पूर्व मंत्री कमलेश्वर व विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा से तालमेल मिलाकर पिछड़े वर्ग की राजनीति कर रहे हैं ऐसे ही ध्रुवीकरण अगर नारायण त्रिपाठी व राम प्रताप सिंह के नेतृत्व में सवर्णो का हो गया तब क्या होगा । सांसद गणेश सिंह चार बार लोकसभा चुनाव जरूर जीते हैं लेकिन वे जातिवादी नेता के रूप में बदनाम हो गए ,मंत्री रामखेलावन व रीवा जिले के विधायक प्रदीप पटेल की कार्य प्रणाली ने इसे और पुख्ता कर दिया प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय गोविंद नारायण सिंह जी ‘ठाकुर दादू’, स्वर्गीय कुंवर अर्जुन सिंह ,स्वर्गीय श्रीनिवास तिवारी ,स्वर्गीय दादा सुखेंद्र सिंह ,स्वर्गीय बैरिस्टर गुलशेर अहमद जैसे नेताओं का सपना था कि बाणसागर बरगी परियोजना विंध्य की जीवन रेखा बने वह हमारी भावी पीढ़ी कम से कम पानी में आत्मनिर्भर बने, लेकिन सजग नेतृत्व के अभाव से यह योजनाएं आज आधी अधूरी हो कर दम तोड़ रही हैं सांसद इन योजनाओं को अपने गांव पहुंचाने को ही उपलब्धि व विकास बताते रहे वह पूरा क्षेत्र प्यासे मरता रहा । लेकिन पूर्व विधायक ने इस भेदभाव से पर्दा उठा कर इन्हें बेपर्दा कर दिया ऐसे में आज सांसद मंत्री को दिन-रात यह योजनाएं ही दिख रही हैं । जहां तक विकास की बात है तो राजस्थान को जोड़ने वाले इंदौर ‘लेबड’ से निंबाड़ा तक का स्टेट हाईवे 17 वर्ष पहले बन गया, यही हालत सारे प्रदेश की है लेकिन यहां का एन.एच 75- 2021 तक पूरा नहीं हुआ , पिछले कई वर्षों से निरीक्षण करते हुए सांसद अपने फोटो छपवा कर खुश होते रहते हैं । जहां तक बात का सवाल है तो सांसद ने मीडिया के माध्यम से कहा कि यहां की लोक कल्याण योजनाएं पर भ्रष्टाचार का दीमक लग गया है जिससे वे मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे । अब सवाल करो तो प्रेक्षक कहते हैं कि यह बात उन्होंने अगले मुख्यमंत्री को बताने के लिए कहीं होगी . मुख्यमंत्री ने स्मार्ट सिटी शहर की 40 मिनट में समीक्षा कर ली, बरसात में यह दरिया बन जाता है भारत सरकार के विकास मंत्रालय व जल शक्ति मंत्रालय में जलसवर्धन हेतु पड़ा पैसा सड़ रहा है लेकिन यहां से आज तक कोई कार्य योजना व प्रस्ताव तक नहीं भेजा गया, घटिया गुणवत्ता विहीन प्रधानमंत्री सड़के ,वर्षों से बन रहा ओवरब्रिज, कछुआ चाल से बन रहे मेडिकल कॉलेज ,बदहाल बिजली व्यवस्था ,दम तोड़ती स्वास्थ्य सेवाएं ,वही टीवी रोग में 200% इजाफा जाहिर है प्रदूषण यहां अभिशाप बन चुका है। प्रिज्म सीमेंट सहित कंपनियां किसानों से जमीन लेकर नौकरी नहीं देती है, सरकारी योजनाओं की नहरों का घटिया कार्य यह सब सांसद की उपलब्धियां है । अभी भी समय है भाजपा जागो और सामूहिकता कि ओर ध्यान दें ,अकेला चना कभी भाड़ नहीं फोड़ सकता ।

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