एन.डी.पी.एस एक्ट की धारा 8/29 को भूल गए थाना प्रभारी 

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एन.डी.पी.एस एक्ट की धारा 8/29 को भूल गए थाना प्रभारी

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क्या ये 26 जनवरी को सम्मान के अधिकारी हैं
सतना- कैसी विडंबना और कैसा क्षेत्र है जहां नेता जिंदा तो है लेकिन उन्हें मुर्दा कहना उचित होगा , जनप्रतिनिधित्व का काम ही जनता की भलाई के लिए काम करना । लेकिन यहां हमारी युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में होकर युवा भारत को मुंह चिढ़ा रही है । आलम यह है कि हम आजादी का 75 वां जश्न मनाने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन दुभाग्यशाली विंध्य प्रदेश में ना तो सेंट्रल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की विंग है और ना ही मध्य प्रदेश पुलिस की नारकोटिक्स से ।जब डी.इ.ऐ अर्थात ड्रग ऑफ अमेरिका के अधिकारी सुनते होंगे कि आधे इंडिया में नारकोटिक्स नहीं है तो उनके मन में हमारे देश के प्रति क्या छवि उभरती होगी । आज आवश्यकता इस बात की कि नारकोटिक्स विभाग को भारत सरकार वित्त मंत्रालय से अलग कर पृथक मंत्रालय का गठन करें , जिससे हमारे समाज को खोखला कर रहे नशे को रोका जा सके ।
जिले में मनोज सोनी ,ओ.शो गुप्ता, राजेंद्र मिश्रा सहित कई होनहार थाना प्रभारी है जिन्होंने गांजा रूपी मादक पदार्थ पकड़ा है सूत्र बताते हैं कि अफीम चरस जैसे मादक पदार्थ यहां बिकते हैं लेकिन पुलिस वहां तक पहुंची नहीं पाती । यहां दूसरे जिले या प्रदेश से गांजा लाने वाले पकड़े जाते हैं लेकिन डिलीवरी प्राप्त करने वाले से थाना प्रभारी जमकर वसूली करते हैं और अपनी पीठ थपथपाते हैं । ऐसे ही मामलों के लिए एन.डी.पी.एस धारा 8/29 का प्रयोग किया गया है – लेकिन यहां की पुलिस शायद इस धारा को भूल गई है यही कारण है कि जिले के बड़े तस्कर नहीं पकड़े जाते हैं और थाना प्रभारी के दरबार हाल में नजर आते हैं । उन्हीं थाना प्रभारियों को सम्मानित किया जाता है युवा तरुणाई की राहों में कांटे बिछाने वाले ये खाकी नुमांइदे अवैध पैसा भी कमाएंगे और सम्मान भी पाएंगे । वहीं बापू जेब में पड़े -पड़े अपने आप को कोसेगें । यह धारा 8/29…….
शिवभानु सिहं बघेल

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