मोदी सरकार के किसान विरोधी काले कानूनों“ को वापस लेने एवं किसान संगठनों के “भारत बंद” को काॅग्रेस ने दिया पूर्ण समर्थन।
दतिया। मंगलवार किसान आन्दोलन के दौरान शहीद हुये किसानों को दी श्रद्धांजली।काॅग्रेस के दो बजे तक के बाजार बंद के आहृवान को पूर्ण मिला समर्थन।काॅग्रेस ने किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ जिला प्रशासन को सौपा ज्ञापन, मोदी सरकार के तीन कृृषि कानूनो के विरोध में किसान संगठनों के भारत बंद के आहृवान पर दतिया बंद कराने का मोर्चा जिला काॅग्रेस अध्यक्ष नाहर सिंह यादव के नेतृत्व में जिला काॅग्रेस कमेटी ने संभाला। 08 दिसम्बर को सुबह से ही बड़ी संख्या में काॅग्रेस कार्यकर्ता मुख्य बाजारों में किसानों के समर्थन एवं किसान विरोधी कानूूनों के विरोध में प्रदर्शन एवं नारेबाजी करते नजर आये। किसानों के समर्थन में काॅग्रेस पार्टी के दोपहर 02 बजे तक के बाजार बंद के आहृवान को व्यापारियों एवं आमजन का पूर्ण समर्थन मिला एवं बाजार पूर्णतः बंद नजर आये। मोदी सरकार के तीन किसान विरोधी कानूनों के विरोध में महामहिम राष्ट्रªपति के नाम जिला प्रशासन को किला चैक पर ज्ञापन सौपा।ज्ञापन में उल्लेख किया कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि सब कुछ इंतजार कर सकता है पर खेती नहीं। मोदी सरकार ने देश के किसान खेत और खलियान के खिलाफ एक घिनौना षडयंत्र किया है। केन्द्र की भाजपा सरकार तीन काले कानूनों के माध्यम से देश की हरित क्रान्ति को हराने की साजिश कर रही है। देश के अन्नदाता व भाग्यविधाता किसान तथा खेत मजदूर की मेहनत को चंद पूंजीपतियों के हाथों गिरवी रखने का षडयंत्र किया जा रहा है।आगे उल्लेख किया कि आज देश भरमें 62करोड़ किसान-मजदूर व 250 से अधिक किसान संगठन इन काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठा रहे है, पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व उनकी सरकार सब ऐतराज दरकिनार कर देश को बरगला रहे है। अन्नदाता किसान की बात सुनना तो दूर संसद में उनके नुमाईंदों की आवाज को दबाया जा रहा है और सड़कों पर किसान मजदूरों को लाठियों से पिटवाया जा रहा है।ज्ञापन में उल्लेख किया कि मंडी में पूर्व निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य किसान की फसल के मूल्य निर्धारण का बेंचमार्क है। यही एक उपाय है, जिससे किसान की उपज की सामूहिक तौर से प्राईस डिस्कवरी यानि मूल्य निर्धारण हो पाता है। अनाज,सब्जी मण्डी व्यवस्था किसान की फसल की फसल की सही कीमत,सही बजन व सही विक्री की गारंटी है। अगर किसान की फसल को मुट््ठीभर कंपनियाॅ मंडी में सामूहिक खरीद की बजाय उसके खेत से खरीदेंगे तो फिर मूल्य निर्धारण ,बजन व कीमत की सामूहिक मोलभाव की शक्ति खत्म हो जायेगी।
प्रदर्शन के दौरान जिला काॅग्रेस अध्यक्ष नाहर सिंह यादव ने कहा कि संघीय ढ़ाॅचे का उलंघन कर,संविधान को रौदकर,संसदीय प्रणाली को दरकिनार कर तथा बहुमत के आधार पर बाहुबली मोदी सरकार ने संसद के अंदर कोरोना काल में तीन काले कानूनों को जबरन तथा बगैर किसी चर्चा व राय मशवरे के पारित कर लिया है। यहाॅ तक कि राज्यसभा में हर संसदीय प्रणाली व प्रजातंत्र को तार तार कर ये काले कानून पारित किए गऐ। काॅग्रेस पार्टी सहित कई राजनैतिक दलों ने मतविभाजन की माॅग की, जो हमारा संवैधानिक अधिकार है। 62 करोड़ लोगों की जिंदगी से जुड़े काले कानूनों को संसद के परिसर के अंदर सुरक्षा गार्ड लगाकर, सांसदों के साथ धक्का-मुक्की कर बगैर किसी मतविभाजन के पारित कर लिया गया, जो किसानों के हकों को चंद पूॅजीपतियों को सौपने का षडयंत्र है।प्रदर्शन के दौरान काॅग्रेस कार्यकर्तायों ने किसान आन्दोलन में शहीद हुये किसानों को किला चैक स्थित अम्बेडकर प्रतिमा पर मौन धारण कर श्रद्धांजली अर्पित की।भारत बंद के समर्थन में दतिया के मुख्य बाजार , कृृषि मंडी, सब्जी मण्डी एवं अन्य प्रतिष्ठान भी बंद रहे। बंद का आहृवान करने वाले प्रमुख रूप से नाहर सिंह यादव,सरनाम सिंह राजपूत, श्रीराम शर्मा, पंजाब सिंह यादव, अशोक दाॅगी बगदा, अन्नू पठान, भानु ठाकुर,दीपेन्द्र पुरोहित, बृृजेन्द्र बैस, जितेन्द्र सिंह पठारी, मोहर सिंह कौरव,सी.एल.बौद्ध, राधाबल्लभ सरवरिया,शिशुपाल यादव,जिलेदार सिंह गुर्जर, के.पी.यादव, अनिमेश शुक्ला, अमरीश वाल्मीकी, मीनू जैदी, संजू दाॅगी,शेख मुमताज, मुईन कुरेशी, रामदास उत्साही,दयाराम झष्या, कप्तान सिंह यादव,ठाकुर दास चैधरी, रामलाल कुशवाह, सुनील कुशवाह, बलवीर सिंह,रवि विदुआ सहित अन्य लोग शामिल रहे।