भ्रस्टाचार का आलम ऐसा कि मृत सरपंच के नाम से भी पैसा निकलवाकर खा जाते हैं भ्रष्टाचारी सी.ई.ओ. अशोक तिवारी
जब मैं सिहावल में था तो मंत्री कमलेश्वर पटेल मेरे जेब मे थे और अब मैं रामपुर बघेलान में हु तो मंत्री रामखेलावन पटेल मेरे जेब मे हैं
महात्मा गांधी की सपनों वाली पंचायती राज व्यवस्था इतनी बदहाल व भ्रष्ट हो जायेगी यह उन्होंने ग्राम स्वराज की परिकल्पना करते हुये कभी सपनें भी नही सोचा होगा। अभी कल ही प्रदेश के मुखिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा करते हुये कहा हैं कि जनता व जनहित के कार्यों में लापरवाही कतई बर्दाश्त नही की जायेगी लेकिन जमीनी धरातल पर कहानी इसकी उलट हैं। सतना जिले में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था दम तोड़ रही है। रामपुर जनपद पंचायत के सी ई ओ अशोक तिवारी तो न कानून से डरते हैं और न ही भगवान से। इनकी सरपरस्ती में सचिव व रोजगार सहायक बिना काम किये ही राशि का आहरण कर लेते हैं और जनता शिकायत करती है लेकिन जिला पंचायत की सी ई ओ व जनपद पंचायत के सी ई ओ के बीच भ्रष्टाचार की बंदरबांट हो जाती हैं। फिर वह शिकायत डस्टबिन में डाल दी जाती हैं। यू तो इस जनपद की अनगिनत शिकायतें हैं लेकिन दो शिकायतों को जन अदालत में रखा जा रहा है। जिसमें पहला मामला क्षेत्र के ग्राम चोरमारी का है जहाँ ग्राम के सरपंच का निधन 10 तारीख को हो गया और 11 तारीख को राशि निकाली गयी ये भ्रष्टाचारी इंसान की चिता को भी ठंडी नही होने देते वहीँ दूसरा मामला ग्राम पंचायत रिछहरी का हैं जहाँ बिना कोई काम किये ही 18 लाख रुपये निकाल लिये गये हैं इस प्रकरण की शिकायत ग्राम के ही उप सरपंच ने की हैं। रिछहरी के सरपंच इतने असंवेदनशील हैं कि सूरा प्रेम में इन्हें गरीब की आह भी सुनाई नही पड़ती और गरीबों का पैसा लूट रहे हैं। इन प्रकरणों की शिकायत जिला पंचायत के सी ई ओ व एस डी एम रामपुर को की गई हैं तब अशोक तिवारी ने एक जाँच दल गठित कर दिया और उस दल में वही लोग शामिल किये गये जो इन भ्रष्टाचारो के मास्टर माइंड थे। अब इस जाँच का क्या हुआ होगा आसानी से समझा जा सकता हैं। इधर भ्रष्टाचारी अशोक तिवारी का कहना है कि जब मैं सिहावल में पदस्थ था तो मंत्री कमलेश्वर पटेल मेरे जेब मे थे और अब मैं रामपुर बघेलान में हु तो मंत्री रामखेलावन पटेल मेरे जेब मे हैं।
*शिवभानु सिंह बघेल की रिपोर्ट*