
रिपोर्ट- शैलेन्द्र सिंह बोरलिया
प्राचीन परम्परा अनुसार प्रतिवर्ष मनाया जाता है उमा सांझी उत्सव आज 21 ब्राम्हणों ने वसंत पूजन संपन्न किया। महाकाल मंदिर में अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी से अमावस्या पर्यंत यह उत्सव प्रतिवर्ष मनाया जाता है। मंदिर में उमा सांझी उत्सव के तहत हर दिन कई आयोजन होते थे। प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे। इसमें लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जाती रही है। लेकिन इस बार वृश्चिक कोरोना महामारी को देखते हुए इस प्रकार का कोई आयोजन नही होगा। आज 21 ब्राम्हणों ने वसंत पूजन संपन्न किया गया। कोरोना संक्रमण के इस समय में महोत्सव मनाने की बात पर भी संशय बना हुआ था। लेकिन मंदिर प्रशासन ने परंपरा को कायम रखने का निर्णय लिया और आज इसकी शुरुआत हो गई। पूजन में सभी ब्राह्मणों द्वारा मास्क लगा रखे थे। महाकाल प्रशासक सोजान सिंह रावत ने सप्तनिक मां उमा जी की पूजा-अर्चना की। प्रशासक ने बताया कि मंदिर में ऐसी कई परंपराएं हैं जिनका पालन करना जरूरी है लेकिन अभी जिस तरह की स्थितियां चल रही है। उससे शासन की गाइडलाइन का पालन भी करना जरूरी है। प्रशासन ने इसका पालन करते हुए परंपरा का निर्वहन किया महोत्सव के दौरान सिर्फ प्रतिदिन झांकियां ही सजाई जाएगी। जबकि अभी सवारी निकालने के मामले में संशय की स्थिति बनी हुई है।