प्रसारण वेतन कटौती का किया विरोध जनसंपर्क सेवाओं के अति आवश्यक मानते हुए वेतन कटौती से बाहर रखने की मांग

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जयपुर 3 सितंबर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों के संगठन प्रसार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को 2 दिन का वेतन काटने के निर्णय का विरोध किया है। संगठन का कहना है कि कोविड-19 महामारी से न केवल राज्य सरकार बल्कि पूरा देश और समाज के सभी समुदाय तथा संगठन जूझ रहे हैं। और गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में वेतन में कटौती अन्याय पूर्ण एवं दमनकारी है । प्रसार की कार्यकारिणी वेतन कटौती के विषय में एक बैठक में राज्य सरकार के इस फैसले का विरोध करने का निर्णय लिया है । प्रसार का कहना है कि सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को राज्य सरकार की अति आवश्यक सेवाओं की सूची में रखा गया है। इसके बावजूद पुलिस एवं स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कार्मिक अधिकारियों की तर्ज पर सूचना जनसंपर्क विभाग के कार्मिकों एवं अधिकारियों के वेतन में कटौती का निर्णय कर राज्य सरकार ने अन्याय किया है। प्रसार अध्यक्ष मोतीलाल वर्मा ने कहा है कि बीते 6 माह के दौरान सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कार्मिकों एवं अधिकारियों ने अति आवश्यक सेवा के कार्मिक अधिकारी की तरह ही कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भरपूर योगदान दिया है । कार्मिकों ने 24 × 7 पूरी तरह सजग रहकर, किसी भी तरह का अवकाश लिए बिना, कोरोनावायरस से लड़ाई में राज्य सरकार, मीडिया तथा उनकी मदद पर अपनी भूमिका निभाई है । पूर्व में भी राज्य सरकार द्वारा वेतन में बड़ी कटौती की जा चुकी है । जिसका जनसंपर्क विभाग के कार्मिकों, अधिकारियों की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। प्रसार की अपील है कि राज्य सरकार अन्य अत्यावश्यक सेवाओं पुलिस, स्वास्थ्य आदि के कार्मिकों अधिकारियों की तरह ही सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कार्मिकों एवं अधिकारियों को वेतन कटौती के इस आदेश के दायरे से बाहर रखें।

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