स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से परवन नदी में भारी मात्रा में हो रहा बजरी का अवैध खनन, एनजीटी के आदेश हो रहे हवा

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रिपोर्ट- अरबिंदराज मेहता

स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से परवन नदी में भारी मात्रा में हो रहा बजरी का अवैध खनन, एनजीटी के आदेश हो रहे हवा
– नदी के हर रास्ते पर हथियार लैस व्यक्ति नदी में चला रहे बोट, खान विभाग मौन

बारां। बारां जिले के अटरू क्षेत्र में परवन नदी को खनन माफियाओं ने अपना निशाना बना रखा है, जहां पर स्थानीय प्रशासन व संबंधित विभाग से मिलीभगत कर बेशकीमती बजरी का भारी मात्रा में अवैध रूप से खनन किया जा रहा है। यहां पर एनजीटी के आदेश हवा हो रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कोई पालना नहीं हो रही। इस धंधे में शामिल लोगों की रातोंरात जिंदगी बदल गई है। रिछन्दा गाँव के पास नदी में नाव डाल कर बजरी निकाली जा रही है। अडानी के एनीकट के ऊपर बोट डली हुई है। ऐसे में अडानी अधिकारियों की भी सांठगांठ की आशंका है। परवन नदी तक पहुंचने के लिए कुंजेड चैकी थाना अटरू के सामने से सैकडों ट्राॅलियां आती-जाती है। इसके बावजूद स्थानीय पुलिस चैकी की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जाती। यहां भी कहीं ना कहीं मिलीभगत का अंदेशा नजर आता है। नदी के हर रास्ते पर जिनकी बोट चल रही है उनके आदमी बैठे हुए हैं। यह दबंग लोग हैं और हथियार लेकर बैठे रहते हैं, जो किसी को भी नदी के अंदर नहीं जाने देते। इन हथियार लैस लोगों के आकाओं द्वारा या तो ले-देकर मामला शांत कर देते हैं या फिर नहीं मानने पर उसे जान से मारने की धमकी तक दी जाती है। नदी में बोट डालकर नदी किनारे गडढा खोद रखा है।

जिसमें जेसीबी से अवैध रूप से हजारों ट्राली रोज रेत निकल रही है। मौके पर जेसीबी मशीन चल रही है और दर्जनों ट्रैक्टर ट्रॉलियां खडी रहती हैं। कई बार ग्रामीणों ने इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन से की, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। सप्ताह पहले पूर्व विधायक रामपाल मेघवाल ने भी अटरू उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन दिया था। तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे साफ जाहिर होता है कि स्थानीय प्रशासन इन खनन माफियाओं के आगे बिका हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों ने रोष जताते हुए कहा कि जिले समेत यहां पर एनजीटी के आदेश हवा हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है और यहां तक की खान विभाग भी मूकदर्शक बना हुआ नजर आ रहा है। या फिर यूं कहें कि कहीं ना कहीं खनन विभाग के इशारे पर ही यह सारा काम हो रहा है। आखिर खनन विभाग की मर्जी बिना कैसे जिले में अवैध खनन हो सकता है यह भी एक जांच का विषय है।
वर्जन…1
इस तरह का मामला मेरी जानकारी में नहीं है। अगर अटरू क्षेत्र में परवन नदी में अवैध रूप से बजरी खनन हो रहा है तो जानकारी लेकर उचित कार्रवाई करवाई जाएगी।
– इंद्र सिंह राव, कलेक्टर
वर्जन…2
मामला जानकारी में नहीं है, अगर अवैध खनन हो रहा तो गंभीर बात है, दिखाकर कडी कार्रवाई की जाएगी।
– राजेंद्र भटट, खनन विभाग, बारां
वर्जन …3
– परवन नदी पर हो रहे बजरी के अवैध खनन को लेकर पिछले दिनों एसडीएम को ज्ञापन दिया था। केवल नाम मात्र की कार्रवाई की गई। इस विभाग से संबंधित मंत्री बारां जिले के होने के बावजूद भी क्षेत्र में अवैध खनन नहीं रूक पा रहा है यह ताज्जुब की बात है और इस कारण पर्यावरण भी दूषित हो रहा है। यह मगरमच्छ अभ्यारण्य क्षेत्र भी है। इस कारण यहां हो रहे कार्य से विचलित होकर गुस्से में मगरमच्छ आदि लोगों पर हमले कर रहे हैं। सरकार के लाखों-करोंडों के माल को लोग अवैध रूप से बैच रहे है और स्थानीय प्रशासन व संबंधित विभाग चुप है यह सोचने वाली बात है।
-रामपाल मेघवाल, पूर्व विधायक, बारां
वर्जन….4
– अटरू क्षेत्र में बजरी अवैध खनन को लेकर ग्रामीणों व पूर्व विधायक की ओर से शिकायत आई थी और हमने खनन विभाग को कार्रवाई के लिए लेटर भी लिखा है और कई बार मौके पर पहुंचकर निरीक्षण भी किया, लेकिन वहां पर कोई नहीं मिलता। लेकिन अब बार-बार शिकायत आ रही है तो प्रोपर एक्सल लिया जाएगा और कडी कार्रवाई होगी।
गौरव, एसडीएम, अटरू

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