रिपोर्ट-उमा बिसेन रायपुर (वेस्ट)
तारीख-27 मई 2020
रायपुर छत्तीसगढ़ में देखा जाए तो कोरोना फिलहाल भले ही राज्य में कोरोना ने नुकसान ना कर पाया होलेकिन राज्य में बड़े बदलाव के संकेत दे रहा है और यहां बदला सामाजिक और आर्थिक रूप में होता नजर आ रहा है और कहा जा रहा है कि इस बदलाव का कारण होगी बड़ी संख्या में जो लोग अपने अपने घर वापस लौट रहे हैं उन लोगों की भीड़ और देखा जाए तो यानी कि अगर हम आंकड़ों पर नजर डालें तो लॉक डॉन शुरू होने के पहले राज्य में पंजीकृत मनरेगा श्रमिकों की संख्या 3200000 थी। जो अब 33 पॉइंट 1900000 हो गई है राज्य के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रमुख सचिव गौरव त्रिवेदी बताते हैं।
ताजा रहा है कि कराना के कारण वापस आ रहे प्रदेश वासी राज्य के सामाजिक आर्थिक ताने-बाने में बहुत कुछ बदलने वाले हैं और इस बदलाव की शुरुआत दिखाई भी देने लगी है बताया जा रहा है कि लोगों की लौटती भीड़ ने बेरोजगारी के आंकड़ों को हिलाया है जबकि यहां तो अभी शुरूआत है अभी और लोगों की भीड़ यानी बाकी है समाजशास्त्र के विशेषज्ञ बनाते हैं मानते हैं कि आने वाले समय में सामाजिक व्यवस्था में बड़े बदलाव नज़र आएंगे।
इस लौटती भीड़ से आवास रोजगार परिवार में बहुत कुछ बदलेगा जी के अर्थशास्त्री कहते हैं कि लोगों की वापसी से रोजगार की मांग बढ़ेगी और आने वाले दिनों में यहां सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनने वाली है।
पंडित रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त समाजशास्त्री डॉ प्रमोद शर्मा कहते हैं कि जिस संख्या में लोगों की घर वापसी हो रही है उसका असर समाज पर पड़ना स्वाभाविक है परिवार के विघटन की आशंका ज्यादा लग रही है।
अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख डॉ रविंद्र कुमार ब्रह्म के अनुसार प्रवासियों की वापसी रिवर्स माइग्रेशन है और सरकार को बनानी होगी त्रिस्तरीय योजना जीवन बचाने लौट रहे प्रवासियों के लिए अब जीवन यापन की समस्या होगी और इसके लिए सरकार को तीन स्तर पर काम करना होगा भविष्य में इन्हें गरीबी से बचाने के लिए कृषि उद्योग कुटीर उद्योग और छोटे उद्योगों से जोड़ना होगा।
शासकीय कॉलेज वैशाली नगर भिलाई में अर्थशास्त्र के सहायक प्राध्यापक रितेश कुमार अग्रवाल कहते हैं कि लौटते अकुशल श्रमिकों को रोजगार देने ग्रामीण स्वरोजगार और लघु व्यवसाय के लिए वित्तीय सहायता देनी होगी कुशल श्रमिकों की क्षमता का पूर्ण उपयोग करने के लिए ग्रामीण औद्योगिकरण और श्रमिकों के प्रवास की व्यवस्था करनी होगी इसके लिए श्रमिकों का एक डांटा बैंक बनाना होगा।