कोरोना और अर्थव्यवस्था।

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( पूर्व RAS अधिकारी दीप प्रकाश माथुर की कलम से ) ✍🏻 कोरोना महामारी ने विश्व की अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है l विश्व के लगभग सभी देश इसकी वजह से अपने नियमित काम भी नहीं कर पा रहे हैं l लगभग सभी देशों में लॉकडाउन की वजह से कई वस्तुओं का उत्पादन बंद हो चुका है l कई प्रकार की सेवाओं पर विपरीत असर पड़ा है l इनकी वजह से इन उद्योगों से संबंधित सहयोगी उद्योग भी बंद होने की स्थिति में आ गये है। यह अभी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता की वर्तमान दौर कब तक चलेगा l लेकिन चीन के उदाहरण को देखते हुए ऐसा लगता है कि अगले तीन चार महीने में कोरोना महामारी का प्रकोप कम होगा l हालाँकि चीन में कोरोना वापस फैलने लग गया है l जो कि बेहद चिंतनीय है l हालाँकि विश्व में कई देशों में इस बीमारी के उपचार के लिए शोध कार्य चल रहा है l उम्मीद की जा रही है कि शीघ्र ही इस बीमारी का टींका व इलाज सुलभ हो सकेगा l लेकिन सच्चाई यही है कि कोरोना का नासूर विश्व व्यापी अर्थव्यवस्था को अपने चंगुल में लेने के लिए आतुर है l यही समय है कि आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को लेकर अभी से कार्य योजना बना ली जाये। यदि कोरोना की बीमारी पर अगले तीन चार माह में नियंत्रण पा लिया गया तो संभव है कि येअर्थव्यवस्था कुछ समय के लिए सूधरे किंतु कुछ क्षेत्रों में मंदी का दौर लंबे समय तक रहेगा जैसे पर्यटन उद्योग ,होटल, टेक्सटाइल ,फ़ैशन ,रैस्टोरैंट ,फ़ूड सप्लाई चेन,इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र , ऑटोमोबाइल ,कंस्ट्रक्शन व रियल एस्टेट ,सिरेमिक उद्योग,जूता उद्योग आदि क्षेत्र ऐसे हैं जो सर्वाधिक प्रभावित होंगे l इन क्षेत्रों में गत वर्ष के मुक़ाबले मंदी का असर अधिक देखने को मिलेगा। लेकिन health and Hygiene के क्षेत्रों में काफ़ी तेज़ी आएगी l कोरोना बीमारी का अप्रत्यक्ष लाभ यह रहा कि आम जनता अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो गई है l जिससे निजी क्षेत्रों में अस्पताल व जाँच लेबो की आवश्यकता बढेगीं इनके लिए आवश्यक कैमिकल व अन्य उपयोगी सामानों की माँग बढ़ेगी इनके अलावा में नये नये जाँच उपकरण बाज़ार मैं उपलब्ध होंगे l जिससे इस क्षेत्र में काफ़ी सुधार आएगा और रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे। विश्वव्यापी मंदी के चलते विदेशों से कई भारतीय अपने वतन वापस लौटकर अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं l इसी प्रकार हमारे देश के कई युवा भी अपना स्वयं का व्यवसाय शुरू करने की ओर बढ़ेंगे l इनके लिए केंद्र व राज्य सरकार से सहयोग व प्रोत्साहन की आवश्यकता रहेगी l साथ ही आम नागरिक को भी समझना होगा कि हमारे देश के उत्पादो को अपनाए विदेशों से होने वाले आयात पर पाबंदी लगायी जानी चाहिये l विशेषकर चीन से आने वाले आयात को l लगभग 80 प्रतिशत तक कम करना होगा यह भी संभव है कि कुछ समय के लिए हमारे उत्पाद महंगे हो लेकिन व्यापक देशहित में इन्हें अपनाना होगा l लघु एवं मध्यम उद्योगों को टैक्स में छूट दी जानी चाहिए तथा बैंकों से कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराया जाना चाहिए। भारत सरकार की MSME. , Skil development scheme ,Digital India scheme ,Startup India scheme ,Mudra scheme , आदि
योजनाऔ मैं समन्वय रखते हुए इनका लाभ अधिक से अधिक युवाओं को मिले ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिये l जिन युवाओं ने skill development scheme के तहत कोई हुनर सीखा है तो उसको अपना कार्य शुरू करने के लिए मुद्रा योजना का लाभ मिलना चाहिए l इसी प्रकार स्टार्टअप इंडिया व MSME योजनाओं को भी मुद्रा योजना से जोड़ा जाना चाहिए ताकि स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक रोज़गार के अवसर पैदा हों और हम इस मंदी का मुक़ाबला कर सकें। हम सबको मिलकर कोरोना को हराना है वे देश को आगे बढ़ाना है l जय हिन्द

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