जगदलपुर, 05 दिसम्बर 2019/ महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव और बस्तर जिले के प्रभारी सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने आज जिले में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि वास्तविक किसानों का ही धान समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए। किसी भी स्थिति में कोचियों का धान नहीं खरीदा जाए। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी धान के अवैध परिवहन और संग्रहण पर संयुक्त रूप से कार्यवाही करें। धान खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त बारदाना और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने बैठक में बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए उन्हें गर्म भोजन देने के साथ ही उनका नियमित स्वास्थ्य परीक्षण करने के निर्देश दिए। बैठक में बस्तर संभाग के आयुक्त श्री अमृत कुमार खलखो, कलेक्टर डाॅ. अय्याज तम्बोली और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री इन्द्रजीत चन्द्रवाल उपस्थित थे।
प्रभारी सचिव श्री परदेशी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना और नरवा, गुरूवा, घुरूवा और बाड़ी राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजनाएं हैं। इसलिए इन योजनाओं का प्राथमिकता से क्रियान्वयन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुपोषण दूर करने के लिए बच्चों और धात्री माताओं को गर्म भोजन के साथ ही उनके जीवन शैली में भी बदलाव लाया जाए। उन्हें कुपोषण के कारणों को बताया जाए। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषक वाटिका लगाने के लिए उद्यानिकी विभाग को निर्देशित किया। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना ग्रामीणों के लिए फायदेमंद है। इसका लाभ लेने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है। प्रभारी सचिव श्री परदेशी ने कहा कि विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत बनने वाले भवनों पर संबंधित विभाग भी निगरानी रखे। केवल निर्माण एजेंसियों के भरोसे निर्माणाधीन भवनों को ना छोड़े। उन्होंने कहा कि कोई भी निर्माण कार्य शुरू करने से पहले हितग्राही को केन्द्र बिंदु में रखें, ताकि वह भवन उनके लिए उपयोगी साबित हो।
प्रभारी सचिव ने बैठक में नरवा, गुरूवा, घुरूवा और बाड़़ी की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि नालों में बंधान कार्य का चयन करने से पहले ग्रामीणों से भी सलाह ली जाए। बैठक में श्री परदेशी ने सड़कों की मरम्मत के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे मार्गों की मरम्मत पहले करें, जिसमें आवागमन ज्यादा हो। बैठक में आश्रम एवं छात्रवासों की व्यवस्था, आकांक्षी जिले के अन्तर्गत संचालित कार्यों, रबी फसल की कार्ययोजना, कौशल विकास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और राजस्व मामलों की समीक्षा की