जयपुर में करोड़ों की जमीन खाली करवाने पहुंची टीम : पानी की टंकी पर चढ़ा व्यक्ति, मधुमक्खियों ने बोला हमला फटाफट उतरा
गौरव रक्षक/न्यूज नेटवर्क
जयपुर 9 नवंबर ।
जयपुर जेडीए की एन्फोर्समेंट विंग ने आज विश्वकर्मा औद्योगिक एरिया (वीकेआई) में बड़ी कार्रवाई की । 300 करोड़ रुपए कीमत की 10 बीघा सरकारी जमीन को खाली करवाई गई। इस दौरान 3 थानों, रिजर्व पुलिस लाइन और जेडीए की इन्फोर्समेंट विंग समेत पुलिस के करीब 200 अधिकारी और जवान मौजूद रहे। बड़ी संख्या में सुबह पहुंचे इस फोर्स को देखकर लोगों में हड़कंप मच गया। एक-एक करके लोग अपने-अपने गोदाम, ऑफिस खाली करने लगे।
इधर इस कार्रवाई के विरोध में एक व्यक्ति पानी की टंकी पर चढ़ गया। थोड़ी देर बाद मधुमक्खियों ने हमला किया तो ये नीचे उतर गया। जो मधुमक्खियों के काटने से घायल हो गया। जिसे पुलिस इलाज के लिए कावंटिया हॉस्पिटल लेकर गई। वहीं, इस जमीन पर बना एक निजी स्कूल भी आज खाली करवा गया। बच्चों को वापस घर भेज दिया गया।
जेडीए की कार्रवाई के विरोध में टंकी के टॉप हिस्से पर चढ़ा व्यक्ति छोटूराम मीणा, जो बाद में खुद ही मधुमक्खी के हमले के बाद उतर गया। उसके बाद दो अन्य व्यक्ति भी टंकी पर चढ़े, लेकिन वे लोग बीच सीढ़ियों पर ही रुक गए और वापस लौट आए।
मामला जेडीए के जोन 2 एरिया का है। यहां वीकेआई रोड नंबर एक पर स्थित मल्होत्रा नगर का है। यहां मौजूद करीब 10 बीघा जमीन पर लम्बे समय से अतिक्रमण करके कई गोदाम, ऑफिस, दुकानें, झुग्गी-झोपड़ियों, मकान और कमरे बना रखे थे। इस जमीन को खाली करवाने के लिए अक्टूबर में 15 से ज्यादा नोटिस जारी किए गए। बुधवार सुबह जब जेडीए की टीम और पुलिस जवानों का जाब्ता मौके पर पहुंचा तो लोगों ने इसका विरोध किया। इस दौरान छोटू मीणा समेत 2 अन्य व्यक्ति यहां बनी एक पानी की टंकी पर चढ़ गए और विरोध करने लगे। छोटू टंकी के ऊपर चढ़ गया, लेकिन अन्य दो सीढ़ियों पर ही रुक गए। हालांकि बाद में मधुमक्खी के हमले के बाद खुद ही उतर गए।
ट्रिब्यूनल कोर्ट से भी नहीं मिला स्टे
नोटिस जारी करने के बाद लोग इसके खिलाफ जेडीए ट्रिब्यूनल कोर्ट में भी गए, लेकिन वहां से भी इनको कोई राहत नहीं मिली। जेडीए के एन्फोर्समेंट विंग के जानकारी के अनुसार इस जमीन के मामले में साल 2018 में राजस्थान हाईकोर्ट में मामला भी चला था, इसमें कोर्ट ने अतिक्रमियों को जमीन खाली करने और उन पर जमीन पर कब्जा करने के मामले में 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था। इसी को जेडीए की ओर से ट्रिब्यूनल में पेश किया गया, जिसके बाद ट्रिब्यूनल ने स्टे देने से मना कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली थी राहत
जानकारी में आयकी इन अतिक्रमियों ने पिछले दिनों साल 2018 में इस जमीन पर स्टे लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी स्पेशल लीव पीटीशन (एसएलपी) दायर की थी, लेकिन वहां से भी इन्हें कोई राहत नहीं मिली थी । 1997 में जब ये जमीन जेडीए के खाते में दर्ज हुई थी तब से अब तक लगातार इस मामले में अतिक्रमियों ने हर कोर्ट स्तर (एसडीएम, रेवेन्यू, हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट) पर अपीले दायर की, लेकिन कहीं भी इन्हें राहत नहीं मिली। इसके चलते आज ये कार्रवाई करके इस 10 बीघा जमीन को खाली करवाया जा रहा है ।
बताया गया कि यह जमीन बेशकीमती है इसलिए लोग इसे खाली नहीं करना चाहते है और इसी वजह से मीणा बिंग को डराने के लिए पानी की टंकी पर चढ गया ।