संकट के फिर काले बादल: राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के गुट के बीच चल रही खींचतान में सचिन पायलट अब खुलकर मोर्चा खोल रहे है

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संकट के फिर काले बादल: राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के गुट के बीच चल रही खींचतान में सचिन पायलट अब खुलकर मोर्चा खोल रहे है

गौरव रक्षक/दीप प्रकाश माथुर

जयपुर 2 नवंबर ।
राजस्थान में सबसे अशोक गहलोत की सरकार बनी है तभी से लगातार कुर्सी की खींचतान की संकट चल रही है ।
सचिन पायलट ने मीडिया को जो बताया वह काफी चौंकाने वाला है । सचिन पायलट ने खोला मोर्चा, बोले- शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेद्र राठौड़ पर कब होगी कार्रवाई  ।सचिन पायलट ने राजस्थान की सियासत में अब मोर्चा खोल दिया है । अशोक गहलोत के करीबी शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ पर कार्रवाई की मांग कर राजस्थान में सियासी तूफान खड़ा होने के संकेत दे दिए है । यहां तक कि इस बार अशोक गहलोत भी उनके निशाने पर रहे । राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के गुट के बीच चल रही खींचतान में सचिन पायलट अब खुलकर मोर्चा खोल रहे है । सचिन पायलट ने आज जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि 25 सितंबर को राजस्थान में CLP की बैठक होनी थी । लेकिन वो नहीं हो पाई । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे लेकर माफी भी माँगी लेकिन उसे लेकर अब जल्द निर्णय भी होना चाहिए । बैठक में जो अनुशासनहीनता हुई थी उसको लेकर नोटिस दिए थे उसमें पार्टी को कार्रवाई करनी चाहिए ।

धारीलाव, जोशी और राठौड़ को नोटिस

25 सितंबर को एक तरफ जयपुर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई गई थी तो दूसरी तरफ अशोक गहलोत के करीबी शांति धारीवाल के आवास पर विधायकों को इकट्ठा किया गया । अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे रात 1 बजे तक इंतजार करते रहे लेकिन 60 से ज्यादा विधायक उस बैठक में नहीं पहुंचे । ये विधायक अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाने के विरोध में विधानसभा अध्यक्ष से मिलने पहुंचे और अपने इस्तीफे दे दिए । ऑब्जर्वर को खाली हाथ दिल्ली लौटना पड़ा था ।
अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोनिया गांधी को इस बारे में रिपोर्ट दी । उसमें ये माना गया कि इस बगावत में बागी विधायकों का नेतृत्व शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ कर रहे थे । ऐसे में इन तीनों नेताओं को नोटिस जारी किए गए । उन नोटिस का 10 दिन में जवाब मांगा था । अब खड़गे खुद अध्यक्ष बन गए है । ऐसे में राजस्थान में इन नेताओं पर फैसला होना है । अब सचिन पायलट ने भी इस पर मोर्चा खोल दिया है । सचिन पायलट ने कहा कि जो अनुशासनहीनता हुई थी । उस पर जल्द फैसला होना चाहिए ।

बिना नाम लिए अशोक गहलोत और मोदी पर निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानगढ़ में अशोक गहलोत की तारीफ की थी. अब सचिन पायलट ने इस मामले में अशोक गहलोत का नाम लिए बिना कहा कि प्रधानमंत्री ने जो तारीफ की है । ऐसी तारीफ पीएम की ओर से गुलाम नबी आजाद की भी हम सदन में देख चुके हैं । उसके बाद जो नतीजे आए वो सबके सामने हैं । अब देखना है राजस्थान में राजनीतिक महाभारत कहां जाता है और क्या अंत होता है ।

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