देश सेवा व अपने देश के प्रति प्रेम भावना भी नैतिक मूल्यों की श्रेणी में आते है – विपिन कुमार शर्मा

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देश सेवा व अपने देश के प्रति प्रेम भावना भी नैतिक मूल्यों की श्रेणी में आते है – विपिन कुमार शर्मा

गौरव रक्षक/विनोद शर्मा

नारनौल, 9 अगस्त

हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद्, चण्डीगढ की जिला शाखा नारनौल द्धारा आजादी की 75वीं वर्षगांठ आजादी के अमृत महोत्सव के तहत साप्ताहिक सेमीनार के अन्र्तगत आज दिनांक 09-08-2022 को आदर्श हाई स्कूल स्कूल नारनौल में बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें स्कूल के सभी विद्याार्थी एवं अध्यापको को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता योजना के राज्य नोडल अधिकारी एवं पूर्व जिला बाल कल्याण अधिकारी विपिन कुमार शर्मा ने बताया कि आजादी की 75वीं वर्ष गांठ के अवसर पर सरकार द्धारा अगस्त-2023 तक आजादी के अमृत महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत बच्चों को देश के स्वतन्त्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले वीर शहीदों के बलिदान व उनके योगदान के बारें में अवगत करवाना तथा उनको नमन करना सिखाने के साथ-2 उनके जीवन से प्रेरणा लेकर देश प्रेम व देश भक्ति की भावना जागृत करने की कोशिश की जाएगी।

बच्चों को सम्बोधित करते हुए बताया कि शहीद भगत सिंह, राजगुरू व सुखदेव, सुभाष चन्द्र बोस, झांसी की रानी, चन्द्रशेखर आजाद, मंगल पांडे और राव तुलाराम व अन्य गुमनाम वीर शहीदों को हमें हर समय याद रखना चाहिए जिनके कारण आज हम आजादी में सांस ले रहे है। यह देश हमेशा वीर शहीदों का ऋणी रहेगा। देश सेवा व अपने देश के प्रति प्रेम भावना भी नैतिक मूल्यों की श्रेणी में आते है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि 13 अगस्त से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान के तहत सभी अपने-2 घरो में तिरंगा लहराए और सभी राष्ट्र के प्रति ईमानदारी, राष्ट्र प्रेम, राष्ट्र सुरक्षा की शपथ ले। आज व्यक्ति एवं समाज में साम्प्रदायिक्ता, जातीयता भाषावाद्, हिंसा, अलगाववाद की संकीर्ण भावनाओं व समस्याओ के मूल में नैतिक मूल्यों का पतन ही उत्तरदायी कारण है। सत्यनिष्ठा, ईमानदारी व संवेदनशीलता आदि नैतिकता के आधार है। यदि इन गुणों का व्यक्ति में अभाव हो जाता है, तो मनुष्य सही गलत का विवेक खो बैठता है। ऐसा व्यक्ति सभ्य समाज के लिए घातक होता है। वह अपने निजि स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। वास्तव में नैतिक गुणो की कोई सूची नही बनाई जा सकती परन्तु हम इतना अवश्य कह सकते है कि मनुष्य में अच्छे गुणो को हम नैतिक कह सकते है जो व्यक्ति के स्वयं के विकास और कल्याण के साथ दूसरो के कल्याण में भी सहायक हो। नैतिक मूल्यों का समावेश जीवन के सभी क्षेत्रो में होता है। व्यक्ति परिवार, समुदाय, समाज, राष्ट्र से मानवता तक नैतिक मूल्यों की यात्रा होती है। नैतिकता समाज में सामाजिक जीवन को सुगम बनाती है। मानव को सामाजिक प्राणी होने के नाते कुछ सामाजिक नितियो का पालन करना पड़ता है जिनमें संस्कार, सत्य, परोपकार, अहिंसा आदि शामिल है। वास्तव में ये सभी नैतिक गुणों में आते है और बच्चों को इन्हें बचपन से ही धारण कर लेना चाहिए ताकि अच्छे परिवार, समाज, राष्ट्र का निर्माण हो सकें। उन्होंने बच्चों को उच्च श्रेणी की शिक्षा प्राप्त करने के साथ-2 नैतिक मूल्यों की शिक्षा को भी अवधारण करने के लिए प्रेरित किया तथा अपने बुजुर्गो, अध्यापको व अपने सभी सगे-सम्बन्धियों का आदर करने की अपील की तथा उनसे अनुरोध किया कि वे अपने जीवन में कामयाब इन्सान के साथ-2 एक अच्छे इन्सान बनें अच्छे भारत के निर्माण में वे अपना योगदान दे सकें। उन्होनें बच्चों से खासकर अपील की कि वे अपने दादा-दादी के साथ समय अवश्य बिताए तथा उनका अनुभव का लाभ उठाकर अपने जीवन को सफल बनाए।

इस अवसर पर मुख्य अध्यापक श्री दिनेश शर्मा ने भी सम्बोधित करते हुए बच्चों से आग्रह किया कि वे बताई गई इन छोटी-2 बातों को अपने जीवन में व्यवहारिक रूप से लागू करके अपने ऊच्च चरित्र का निमार्ण करें तथा जहा तक सम्भव हो सकें मोबाईल से दूरी बनाकर रखें।

इस अवसर पर बाल भवन नारनौल के तीरन्दाजी कोच सुरेन्द्र शर्मा के अलावा ललिता शर्मा, अनुज शर्मा, निशा, प्रिति गोगियाॅ, पूजा, संगीता गांधी, ज्योति, कोमल, अंजली सोनी, अंजली बंसल, ताराचन्द, गुरूमीत सहित स्कूली बच्चें उपस्थित रहे।

 

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