निर्ममता के साथ 6 जनों की हत्या के आरोपियों को फांसी की सजा जाने पूरा मामला क्या था
गौरव रक्षक/राजेंद्र शर्मा
भीलवाड़ा 6 अगस्त ।
कोर्ट ने कहा अभियुक्तों की गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए जब तक मृत्यु न हो जाए
दंपती सहित 4 मासूमों की निर्मम हत्या का मामला, दोषियों को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
पिता के अवैध संबंध व बहन से अभद्रता बनी हत्या का कारण
भीलवाड़ा न्याय क्षेत्र में दो आरोपियों को एक साथ फांसी की सजा सुनाने का यह पहला मामला है
इन राक्षसों के नन्हे नन्हे बच्चों की गर्दन काटने पर भी हाथ नही कांपे..इनके कृत्य की कोर्ट ने दी सजा
भीलवाड़ा. जिले की महिला उत्पीड़न कोर्ट ने शनिवार को 7 साल पूर्व दंपती सहित चार मासूमों की निर्मम हत्या करने के मामले में दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने इन पर 15-15 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है. वहीं कोर्ट ने आदेश में विशेष टिप्पणी करते हुए कहा कि दोषियों की गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए, जब तक उनकी मृत्यु ना हो जाए.
विशिष्ट लोक अभियोजक संजू बाफना ने बताया कि 28 जुलाई, 2015 की सुबह मांडल पुलिस को हीराजी का खेड़ा जाने वाले रास्ते पर एक महिला व पुरुष की लाश पड़ी होने की सूचना मिली. मौके पर पहुंची पुलिस ने एफएसएल टीम को बुलाया और जांच पड़ताल की. इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. मामले में कोर्ट में चालान पेश किया गया. इस पर दोनों कातिलों पर लगे आरोप सिद्ध करने के लिए न्यायालय में 41 गवाहों के बयान हुए और 153 दस्तावेज पेश किए गए. इस पर कोर्ट ने शनिवार को अपना फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है.
जियारत के बहाने आरोपी परिवार को ले गया था साथ:
आरोपी 27 जुलाई की रात निम्बाहेड़ा के 38 वर्षीय युनूस उर्फ सोनू, इसकी पत्नी चांदतारा उर्फ सोनिया, 10 साल के पुत्र अशरफ, 7 साल की बेटी गुड़िया, 4 साल की साजिया उर्फ आशिदा व 2 साल की शकीना को षड्यंत्र के तहत उदयपुर नंबर की टवेरा में बैठाकर निम्बाहेड़ा से रवाना हुआ. उसके साथ राखीबंद भाई राजेश खटीक भी था. आरोपियों ने आधी रात को भीलवाड़ा के धूलखेड़ा के पास गाड़ी को सड़क से नीचे उतारा. टवेरा में पहले से तलवार रखी थी. आरोपियों ने इन लोगों की यहां हत्या कर दी थी.
पुलिस ने शराफत व राजेश से अलग-अलग पूछताछ की. दोनों पहले पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन कड़ाई से पूछताछ में टूट गए और 6 कत्ल करना कबूल कर लिया.
कमीज पर लगे टेलर के स्टीकर से सुराग
मृतक की कमीज पर मोर बार टेलर्स निंबाहेड़ा का स्टीकर लगा था। उस पर लिखा फोन नंबर पर पुलिस ने संपर्क किया। टेलर ने कमीज और मृतक की फोटो देखकर सब की पहचान यूनुस उर्फ सोनू के रूप में की । पड़ोसी डाली ने पुलिस को बताया कि 27 जुलाई की रात 10:30 बजे पति पत्नी और 4 बच्चे जियारत करने अजमेर जाने की कह रहे थे।
युनुस मकान खोला तो चला दुश्मनी का चला पता :
पुलिस ने मृतक युनूस के मकान की पड़ोसियों की मौजूदगी में तलाशी ली, तो फैमिली का ज्वाइंट फोटो मिला. साथ ही एक मोबाइल नंबर भी मिला. इस पर कॉल करने पर हैदर अली नाम के व्यक्ति ने कॉल रिसीव किया. उसे युनूस व उसकी पत्नी की हत्या होना बताया. हैदर ने युनूस को अपना बेटा बताया. साथ ही उसकी दुश्मनी पड़ोस के सलीम से होने की बात कही. डाली बाई ने भी पुलिस को बताया कि सलीम की एक माह पहले मौत हो गई थी.
आरोपी के पिता के थे चांदतारा से अवैध संबंध:
हत्या आरोपी शराफत ने पुलिस पूछताछ में कबूल किया था कि उसके पिता के युनूस की पत्नी चांदतारा से अवैध संबंध थे. उसे ये बर्दाश्त नहीं हुआ. वह पिता को कुछ नहीं बोल सकता था और मन ही मन घुटता था. एक माह पहले पिता सलीम की मौत हो गई थी. शराफत ने कबूला था कि 40वें के खाने के लिए कहने उसकी बहन युनूस के घर गई थी. इस दौरान युनूस ने उसकी बहन से अभद्रता की थी. वह रोती हुई वापस आई और आपबीती बताई. लेकिन घर में काम होने की वजह से वह चुप रहा. उसके जहन में यह बात खटकने लगी थी.