सर्दी का मेवा गजक की बढ़ रही मांग, मुरेना के कारीगर का स्वाद भा रहा शहरवासियो को
भीलवाड़ा। सर्दी बढ़ने के साथ ही शहर सहित जिले में गजक की मांग बढ़ गई है। मुरैना से आए 15 कारीगर गजक तैयार कर रहे हैं। ये कारीगर हर साल चार महीने के लिए भीलवाड़ा आते हैं और सीजन खत्म होने के बाद लौट जाते हैं।
जमनालाल ने बताया कि सर्दी के हिसाब से तिल्ली के व्यंजनों की मांग बढ़ गई है। पिछली बार की तुलना में महंगाई में ज्यादा फर्क नहीं है। केवल 19-20 ही है। अभी तिल्ली 160 और गजक 200 रुपए किलो के भाव से बिक रही है। अभी माल तैयार करने में 15 कारीगरों की टीम जुटी हुई है। मुरैना से गजक तैयार करने आए कारीगर रफीक खान ने बताया कि अभी सर्दी को देखते हुए माल का अच्छा उठाव हो रहा है। हम सदाबहार गजक, मुरैना गजक, मूंगफली चक्की, देसी घी गजक, रेवड़ी, रोल गजक, सादा पेठा, कंचा, तिल पट्टी, गुड़, तिल्ली और मूंगफली से बने व्यंजन तैयार कर रहे हैं। सभी को लोग पसंद भी कर रहे हैं। हम 15 लोग हैं जो मुरैना से आए हैं। हम हर साल चार महीने के लिए यहां आते हैं और गजक तैयार करते हैं। उन्होंने बताया कि सीजन खत्म होने के बाद हम मुरैना चले जाएंगे। सभी लोग वहां खेती या अन्य धंधा करते हैं। हमारे पुरखों ने मुरैना में यह धंधा शुरू किया था जिसे अब हम कर रहे हैं।