परिषद द्वारा बधियाकरण नहीं कराने से कुत्तों की बढ़ती संख्या से शहर वासी परेशान

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परिषद द्वारा बधियाकरण नहीं कराने से कुत्तों की बढ़ती संख्या से शहर वासी परेशान
गौरव रक्षक/ राजेंद्र शर्मा
भीलवाड़ा/ 21 दिसंबर 2021
20 लाख खर्च करके 2 हजार कुत्तो का बधियाकरण कर मिल सकती है निजात
भीलवाड़ा। पीपुल फाॅर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों एवं एनिमल बर्थ कन्ट्रोल (एबीसी) रूल्स, 2001 की पालना नगर परिषद द्वारा नहीं की जा रही है जिससे शहर मेें लावारिस कुत्तों के छोटे-छोटे डाॅग्स (पिल्ले) घूम रहे हैं व दुपहिया व चौपहिया वाहनों की चपेट में आकर पिल्लों की मौतें हो चुकी है।
जाजू ने बताया कि सर्दियों में डाॅग्स का ज्यादा प्रजनन काल होता है एवं एक डाॅग वर्ष में 2 बार 5-7 बच्चे पैदा करने की क्षमता रखता है। नियमानुसार बधियाकरण नहीं किये जाने से शहर के हर मौहल्ले व काॅलोनी में काफी संख्या मंे इधर-उधर पिल्ले घूमते हुए दिखाई दे रहे हैं जिससे आमजन त्रस्त है।  जाजू ने आगे बताया कि कुत्तों की संख्या बढ़ने से इनमंे रेबीज, चर्म रोग व खुजली सहित अनेक बीमारियां हो रही है। जाजू ने जिला कलेक्टर, नगर परिषद सभापति व आयुक्त से कुत्तों के बधियाकरण ( स्टरलाईजेशन) की मांग करते हुए कहा है कि यदि  कार्यवाही नहीं होती है तो न्यायालय के दरवाजे खटखटाएंगे। जाजू ने बताया कि पिछले 15 वर्षों से नगर परिषद भीलवाड़ा द्वारा बधियाकरण नहीं कराया है जिसके चलते भीलवाड़ा में कुत्तों की संख्या अत्यधिक  बढ़ने से एक्सीडेंट होने गाड़ी और स्कूटर के नीचे कुत्तों के पिल्लों के आकर मरने की घटनाएं बहुत बढ़ रही है। जाजू ने बताया कि एक कुत्ते के बधियाकरण में एक हजार रुपये से अधिक का खर्चा नहीं आता है यदि नगर परिषद 20 लाख रुपए खर्च करके दो हजार कुत्तों का बधियाकरण करवा दे तो शहर की इस बड़ी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

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