स्वास्थ्य एवं पोषण मानव विकास के लिए महत्वपूर्ण: उप जिला कलक्टर सराड़ा
परसाद में पोषण के साथ-साथ आजादी से जुडे पहलु ओं की दी जानकारी
पोषण पर जागरूकता कार्यक्रम एवं आजादी से जुडे पहलुओ पर प्रदर्शनी आयोजित
उदयपुर 10 सितम्बर 2021 । स्वास्थ्य एवं पोषण मानव विकास के लिए महत्वपूर्ण अवसंरचना है और किसी भी देश के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है। हमारी अधिकांश आबादी गरीब है और उन्हे भी महत्व दिया जाना चाहिए और उनकी पोषण संबंधी जरूरतों का ध्यान रखा जाना चाहिए। आमजन में पोषण के बारे में जागरूकता लाकर किशोर,
किशोरियो , गर्भवती महिलाओं तथा धात्री माताओं में पोषण के सकारात्मक परिणाम ला सकते है। यह बात बात आज शुक्रवार को उदयपुर जिले की सराड़ा पंचायत समिति की परसाद ग्राम पंचायत के राजीव गांधी सेवा केन्द्र सभागार में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय लोक सम्पर्क ब्यूरो उदयपुर द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में उप जिला कलक्टर सुभाष चन्द्र हेमानी ने कही । उन्होने आंगनवाडी कार्यकर्ताओ से कहां की इस अभियान को आमजन तक पहुचाने के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित कर जन आन्दोलन बनाया जावें जिससे इस अभियान के संदेश एवं पोषण की जानकारी अधिक से अधिक लोगो तक पहुच सके।
कार्यक्रम में वक्ता के रूप में बोलते हुए खण्ड मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ0 सुरेश मण्डावरिया ने कहा की कोविड-19 टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सामुहिक प्रयास की आवश्यकता है। डाॅ0 सुरेश मण्डावरिया ने कहा की राजस्थान में बच्चों, किशोरी बालिकाओं एवं गर्भवती धात्री महिलाओं में कुपोषण एवं एनीमिया की दर काफी अधिक है उसे हम सरकारी प्रयास के अलावा जागरूकता ही कम कर सकते है। उन्होने कहां की ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनका निराकरण करने हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संयुक्त प्रयास किए जा रहे है।
महिला एवं बाल विकास विभाग सराड़ा के बाल विकास परियोजना अधिकारी प्रतापसिंह खोरवाल ने पोषण अभियान के लक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए कहां की पोषण अभियान गरीब क्षेत्रों में बच्चों , महिलाओं और गर्भवती माताओं के पोषण को सुनिश्चित करने पर केन्द्रित है। उन्होने कहां की कुपोषण दुनिया भर में महिलाओं एवं बच्चों में बिमारियों और मृत्यु का एक प्रमुख कारण रहा है। उन्होने कहा की इस कार्यक्रम का उददेश्य 2022 तक बच्चों में स्टेटिंग ( आयु के अनुपात में छोटा कद ) को 38.4 से घटाकर 25 प्रतिशत करना है।
इस अवसर पर राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय परसाद की कार्यवाहक प्रधनाचार्य शर्मिला मीणा ने कहा की शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए हम कुपोषण के कारण एवं उपाय की जानकारी प्राप्त कर सकते है एवं इस समस्या से छुटकारा प्राप्त कर सकते है । उन्होने कहा की मिड डे मील योजना कुपोषण को दूर करने महत्मती भूमिका निभा रही है। इस अवसर पर महिला पर्यवेक्षक शीला रावत ने भी कुपोषण को दूर करने के लिए पोष्टिक एवं संतुलित आहार का उपयोग करने की अपील की।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में क्षेत्रीय लोक सम्पर्क ब्यूरो उदयपुर के सहायक निदेशक रामेश्वर लाल मीणा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा की भारत सरकार ने देश में कुपोषण की उच्च दर जैसी सम्सयाओं से निपटने के लिए समय-समय पर कई योजना शुरू की है। उनहोने कहा की 1975 में एकीकृत बाल विकास योजना, 1993 में राष्ट्रीय पोषण नीति , 1995 में मध्याह्न भोजन योजना और 2013 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन आदि है। इस प्रयास को और अधिक सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री जी नें कुपोषण से निपटने के लिए 8 मार्च 2018 को राजस्थान से पोषण अभियान शुरूआत की थी जिसके तहत 2022 तक भारत को कुपोषण से मुक्त करने का लक्ष्य लक्ष्य रखा गया है लेकिन यह तभी संभव होगा जब हम जागरूक होगें । कार्यक्रम के उदघाटन के प्रारम्भ में सभी अतिथियों एवं आमजन ने आजादी से जुडे पहलुओं पर लगाई 18 स्टेण्डी की प्रदर्शनी का अवलोकन कर 1857 से 1947 तक के इतिहास के बारे में जाना ।
इस अवसर पर पुर्व प्रचार के दौरान आयोजित की गई पोष्टिक व्यंजन प्रतियोगता , सही पोषण देश रोशन पर निबंध तथा चित्रकला एवं रंगोली प्रतियोगिता तथा महिलाओं एव ंकिशोर बालिकाओं के बीच गई खेल प्रतियोगिता एवं कार्यक्रम के दौरान आयोजित मौखिक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को विभाग की ओर से मुख्य अतिथियो ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया । इस अवसर पर ग्राम पंचायत परसाद की सरपंच बदकी देवी , उप सरपंच ललित दरबार , वार्डपंच एवं सामाजिक कार्यकर्ता शिव लाल मीणा, पंचायत कर्मचारी तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यकता , आशा सहयोगनियो के अलावा गांव की महिला एवं पुरूष तथा विधालय के छात्र एवं छात्राओं काफी संख्या में हिस्सा लिया ।
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