जीवित महिला का डेथ सर्टिफिकेट बनाया, ताऊ का मृत्यु प्रमाण पत्र लेने पहुंचा था, दादी के 18 साल पहले मरने का सर्टिफिकेट थमाया ग्राम सचिव पर FIR
भीलवाड़ा में 76 वर्षीय जिंदा महिला का डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। 18 साल पहले उनकी मौत बता दी गई है। जब उसके पोते के हाथ वह प्रमाण पत्र लगा तो होश उड़ गए। उसको आशंका है कि उसकी जिंदा दादी का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर परिवार के ही कुछ लोगों ने कोई बड़ा घोटाला किया है। उसने ग्राम सचिव के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। यह पूरा मामला मांडल उपखंड के केरिया गांव का है।
6 सितंबर को केरिया निवासी देवाराम पुत्र ख्यालीराम ग्राम पंचायत कार्यालय में अपने ताऊ हीरालाल का मृत्यु प्रमाण पत्र लेने गया था। वहां मौजूद ग्राम सचिव धीरज शर्मा ने ताऊ के मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ उसकी दादी नैनू देवी का मृत्यु प्रमाण पत्र भी दे दिया। इसमें उसकी दादी की वर्ष 2013 में मौत हो जाना बताया गया है। देवाराम ने ग्राम सचिव धीरज शर्मा को बताया कि उसकी दादी अभी जीवित है। यह मृत्यु प्रमाण पत्र किसने बनवाया। इस पर धीरज ने कोई जवाब नहीं दिया। कई दिनों से देवाराम इस मामले की पूछताछ कर रहा था, लेकिन प्रमाण पत्र किसने बनवाया, इसकी जानकारी किसी ने नहीं दी। इसके बाद देवाराम ने मांडल थाने में ग्राम सचिव के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। साथ ही, बीडीओ को भी इस संबंध में शिकायत की है।
▪️सचिव भी रिपोर्ट कराने की तैयारी में
इस मामले में ग्राम सचिव धीरज शर्मा भी रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी में हैं। धीरज शर्मा ने बताया कि नैनू देवी का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए उन्हीं के पोते नंदलाल ने आवेदन किया था। इसके बाद यह प्रमाण पत्र बनाया गया। अब सचिव ने नंदलाल के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए कहा है।
▪️सम्पति के लिए मार डाला
बुजुर्ग महिला के पांच बेटे हैं। बावजूद इसके वह अकेले झोपड़ी में रहती हैं। वृद्धा के नाम पर गांव में पुश्तैनी जमीन है। आशंका है कि इसी संपत्ति के लिए साजिश रची जा रही है। इसी के तहत महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया गया होगा। खास बात यह है कि कोई भी प्रमाण पत्र बनाने की लंबी प्रक्रिया है। बाकायदा पंचायत विभाग स्तर पर जांच की जाती है। ग्राम सचिव से लेकर संबंधित कर्मचारी अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में किसी जिंदा महिला का प्रमाण पत्र बन जाना गैरकानूनी है।