हार्डकोर अपराधी गिरफ्तार कोटा व उदयपुर रेंज में टॉप 10 वांटेड 15 हजार का ईनामी हार्डकोर अपराधी सुमेर सिंह गिरफ्तार,पिछले 13 वर्षों से था फरार  गेंगस्टर भानुप्रताप सिंह की मौत के बाद गैंग की सम्भाल रखी थी बागडोर

0
182

हार्डकोर अपराधी गिरफ्तार कोटा व उदयपुर रेंज में टॉप 10 वांटेड 15 हजार का ईनामी हार्डकोर अपराधी सुमेर सिंह गिरफ्तार,पिछले 13 वर्षों से था फरार
गेंगस्टर भानुप्रताप सिंह की मौत के बाद गैंग की सम्भाल रखी थी बागडोर

किसी समय हाड़ौती व मेवाड़ पुलिस के लिए सरदर्द बने कुख्यात गैंगस्टर भानुप्रताप सिंह गिरोह के वर्तमान सरगना व हार्डकोर अपराधी सुमेर सिंह पुत्र दीप सिंह (49) निवासी महावीर नगर कोटा को कोटा पुलिस ने जयपुर के गोनेर के पास दांतली गांव से शनिवार को गिरफ्तार कर लिया, जहां वो महेंद्र सिंह निवासी ईटावा बन कर सपरिवार किराये से रह रहा था। अभियुक्त पर आईजी उदयपुर द्वारा 10 हजार व कोटा एसपी द्वारा 5000 रुपये का ईनाम घोषित है। इस कार्रवाई में कोटा डीएसटी के कांस्टेबल विजेन्द्र सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

कोटा शहर एसपी विकास पाठक ने बताया कि हार्डकोर अपराधी के विरुद्ध उदयपुर, कोटा, चित्तोड़गढ़ जिले में 28 आपराधिक मुकदमे दर्ज है। कोटा शहर के थाना उद्योग नगर व चित्तौडगढ के बेगु थाने के मुकदमे में करीब 13 साल से फरार चल रहा है।
▪️लाला बैरागी हत्याकांड में रहा शामिल
साल 2007-08 के आसपास हाडौती के कुख्यात गैंगस्टर भानुप्रताप सिंह का गिरोह दो गुटों में बट गया था। एक गुट का नेतृत्व भानुप्रताप व दूसरे गुट का नेतृत्व लाला बैरागी कर रहा था। वर्चस्व की प्रतिस्पर्धा में भानुप्रताप ने अपने साथियों के साथ मिल कर 12 दिसम्बर 2008 को गैंगस्टर लाला बैरागी का थाना उद्योग नगर क्षेत्र के राजनगर तिराहे पर सरेआम गोलियों से भून कर व तलवार से काटकर हत्या कर दी। इस हत्या कांड में 40 से अधिक फायर हुये थे।
*हत्याकांड के दो गवाहों को भी उतारा मौत के घाट*
इसके बाद इस केस के गवाह ब्रजराज सिंह उर्फ बबलू व उसके साथी जितेन्द्र सिंह उर्फ पिन्टू दोनों का 12 मई 2009 को मेनाल जिला चित्तौडगढ के पास भानुप्रताप व उसके साथियों ने मिल कर मर्डर कर दिया। इस हत्या कांड में लगभग 100 से ज्यादा फायर किये गये थे। इन दोनों बड़ी घटनाओं से हाडौती सहित पूरे राजस्थान के कई हिस्सों में इस गैंग का वर्चस्व बढ गया था। इन घटनाओं को चैलेंज के तौर पर लेकर कोटा शहर पुलिस ने कई वांछित बदमाशों को गिरफ्तार किया।
घटना के बाद नाम-जगह बदल कर रहने लगा, भानुप्रताप की हत्या के बाद गिरोह की सम्भाली कमान
इन दोनों घटनाओं में भानुप्रताप का साथी सुमेर सिंह राजावत भी शामिल था। पुलिस की धरपकड से घबरा कर सुमेर सिंह राजस्थान से बाहर फरारी काटने लग गया था तथा अपने सभी रिश्तेदारों व दोस्तों से सम्पर्क खत्म कर लिया था। 19 अप्रैल 2011 को प्रतिद्वंदी गैंगस्टर शिवराज सिंह ने अपने साथियों के साथ मिल कर बिजोलिया जिला भीलवाडा में पुलिस हिरासत में गैंगस्टर भानुप्रताप सिंह की हत्या कर दी थी। उसके बाद सुमेर सिंह ही भानुप्रताप सिंह गैंग को संचालित कर रहा था। फरारी के दौरान सिलवासा गुजरात, अहमदाबाद, देहरादून व दिल्ली में रहा। पिछले कुछ सालों से जयपुर को अपना ठिकाना बना लिया था।
एसपी पाठक ने बताया कि जिला विशेष शाखा के कांस्टेबल विजेन्द्र सिंह ने लगभग एक माह पहले यह आसूचना एकत्रित की, सुमेर सिंह जयपुर में रह रहा है। आसूचना को पुख्ता करने के बाद शातिर गैंगस्टर की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने हेतु एएसपी प्रवीण जैन के सुपरविजन में थानाधिकारी उद्योग नगर मनोज सिंह सिकरवार, डीएसटी इंचार्ज नीरज गुप्ता, थानाधिकारी रेल्वे कोलोनी मुनीन्द्र सिंह, साईबर सेल के एएसआई प्रताप सिंह के नेतृत्व में चुनिन्दा पुलिस कर्मियों की एक विशेष टीम बनाकर जयपुर भेजा गया। जहां मकान का घेरा देकर सुमेर सिंह को डिटेन कर अनुसंधान हेतु कोटा लाया गया ओर बाद पूछताछ गिरफ्तार किया गया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here