“विप्रवंश की अस प्रभुताई, अभय हो जो इन्हें डराई”।
काबुल के आखिरी पुजारी ने भागने से किया इनकार, कहा- आखिरी सांस तक मंदिर में रहूंगा
16 अगस्त। भारत जब रविवार को आजादी का जश्न मना रहा था, उसी समय अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान ने अपना अधिकार जमा लिया। काबुल में प्रवेश के साथ ही तालिबानी आकाओं ने अफगान राष्ट्रपति भवन को अपने कब्जे में लिया, इस बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी मौका देख देश छोड़ दिया। इंटरनेट पर हर तरफ अफगान के बदहवास हालत की तस्वीरें और वीडियो देखे जा सकते हैं। भारत समेत कई देशों ने अपने नागरिकों को वहां से निकाला शुरू कर दिया है।
रतन नाथ मंदिर के पुजारी हैं पंडित राजेश
अफगानिस्तान में तालिबान के खौफ के चलते एयरपोर्ट और बॉर्डर पर लोगों की भीड़ जमी हुई है। सोमवार देर शाम भारत में भी एक स्पेशल विमान भेजकर 400 से ज्यादा नागरिकों को एयरलिफ्ट किया। काबुल से भी लोगों को निकालने का काम तेजी से जारी है इस बीच राजधानी के इकलौते पुजारी पंडित राजेश कुमार ने रतन नाथ मंदिर को छोड़ने से इनकार कर दिया है।
पुजारी ने काबुल छोड़ने से किया इनकार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुखपत्र ऑर्गनाइजर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान की राष्ट्रीय राजधानी काबुल स्थित रतन नाथ मंदिर के पुजारी पंडित राजेश कुमार ने अपनी जान बचाने के लिए शहर छोड़कर भागने से इनकार कर दिया है। राजेश कुमार का कहना है कि उन्हें कई हिंदुओं ने काबुल छोड़ने के लिए कहा। वह पुजारी के रहने, खाने और यात्रा की व्यवस्था भी करने की पेशकश कर रहे थे लेकिन राजेश कुमार ने उनके साथ जाने से इनकार कर दिया।
‘तालिबान मारता है तो वो भी सेवा है’
राजेश कुमार ने कहा, ‘मेरे पूर्वजों ने सैकड़ों वर्षों तक इस मंदिर की सेवा की। मैं इसे नहीं छोड़ूंगा। अगर तालिबान मुझे मारता है, तो मैं इसे अपनी सेवा मानता हूं।’ गौरतलब है कि अफगानिस्तान में अब तालिबान का नियंत्रण हो चुका है। देश के अल्पसंख्यक अपनी जान बचाने के लिए दूसरे शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। काबुल समेत कई शहरों में अफरातफरी का माहौल है, लोग किसी भी तरह देश से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत ने व्यक्त की चिंता
राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर जा चुके हैं और बाकी नेता अपनी जान बचाने के लिए दूसरे देशों में शरण ले रहे हैं। अफगानिस्तान के कुछ नेता शरण लेने के लिए भारत भी पहुंचे हैं। तालिबान ने हालांकि युद्ध खत्म करने का ऐलान कर दिया है, लेकिन अभी भी काबुल से लूटपाट और हिंसा की खबरें आ रही हैं। भारत ने अफगानिस्तान के हालात पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चिंता व्यक्त की है।