फिर फोन टैपिंग मामले में घिरी राजस्थान सरकार, BJP का CM गहलोत पर प्रहार- प्रदेश में अघोषित आपातकाल, सरकार की बुनियाद कमजोर
राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार एक बार फिर फोन टैपिंग के आरोपों से घिर गई है. जबकि फोन टेपिंग और राज्य में मध्यावधि चुनाव को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि फोन टेपिंग को लेकर कांग्रेस विधायक का बयान मीडिया में देखा. वह कर रहे हैं कि कई विधायकों की फोन टेप की खबरें आयी हैं, जासूसी हो रही है. प्रदेश इन्हीं आशंकाओं के बीच में है क्योंकि प्रदेश की जनता ने एक वर्ष पहले इसी तरह का दृश्य देखा था, जब सरकार 42 दिन बाडे़बंदी में रही.
इसे साथ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उपमुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ सचिन पायलट को बर्खास्त करना पड़ा और एक चुनी हुई सरकार 42 दिन बाड़े में बंद रही. जबकि इन्हीं आशंकाओं के बीच कोई विधायक यह आशंका व्यक्त करे कि हमारी जासूसी होती है, फोन टेपिंग होती है, तो मुझे लगता है कि प्रदेश में अघोषित किस्म का आपातकाल लगा दिखता है, हर तरफ सेंसरशिप व शंका दिखती है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने इस मामले को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, राज्य सरकार फोन टेपिंग और जासूसी कर रही है तो मेरा प्रश्न मुख्यमंत्री से है कि वो विधायक कौन हैं, जिनके फोन टेप किये जा रहे हैं. इस बात को उजागर करें. किसी भी लोकतांत्रिक प्रदेश में इस तरह की कवायद होती है तो उसके सीधे-सीधे दोषी मुख्यमंत्री और गृह मंत्री होते हैं. उनको आज नहीं तो कल जनता की अदालत में जवाब देना पड़ेगा.