शहर से गुजरने वाले बावल और रेवाड़ी- शाहजहांपुर रोड को जल्द ही फोरलेन बनाया जाएगा।
इसके लिए के लिए करीब 80 करोड का बजट रखा गया है। वहीं शहर के बावल रोड की बदहाली का मामला अभी नहीं सुलझ पाया है। पीडब्ल्यूडी ने इसे प्राधिकरण की जिम्मेदारी बताया है लेकिन प्राधिकरण इसे टेकओवर के लिए सहमति नहीं देने का आरोप लगा रहा है। इसी बीच शहर से गुजरने वाले बावल और रेवाड़ी- शाहजहांपुर रोड (भाड़ावास रोड) के लिए खुशखबरी भी आई है।
हरियाणा राज्य सड़क एवं पुल विकास निगम की तरफ से इन दोनों को सड़कों को टेकओवर करके फोरलेन बनाया जाएगा। एनसीआर के प्रोजेक्ट के तहत दोनों सड़कों के लिए 80 करोड़ का एस्टीमेट तैयार किया गया है। इस सुखद अहसास के बीच बावल चौक से आईओसी चौक तक की बदहाल सड़क को लेकर जारी जंग का समाधान निकालने में सिस्टम की सुस्ती अभी टूटनी बाकी है।
एनसीआर प्रोजेक्ट के तहत होगा फोरलेन:
बावल और शाहजहांपुर रोड दोनों फिलहाल स्टेट हाइवे है और इन पर ट्रैफिक का भी दवाब काफी अधिक है। जिला में एचएस आरडीसी एनसीआर डिवीजन है जिसका काम इन प्रमुख सड़कों का ट्रैफिक के अनुसार विस्तार करने सहित अन्य बड़े प्रोजेक्ट देखना है। दोनों ही सड़कें महत्वपूर्ण होने की वजह से फिलहाल फोरलेन नहीं है। निगम की तरफ से इन दोनों सड़कों को अब फोरलेन बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि यह सड़कें निगम के पास होनी चाहिए। इसके लिए निगम की तरफ से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। निगम को हैंडओवर होने से इन दोनों सड़कों की वाइडिंग का काम किया जाना जरूरी है।
तत्पश्चात ही निगम पीडब्ल्यूडी से इन्हें अपने अधीन लेगा। यह कार्य जल्द पूर्ण हो इसके लिए पीडब्ल्यूडी की तरफ से भी दोनों सड़कों के लिए वाइडिंग और मेंटीनेंस का प्रपोजल भेज दिया है। इनका बजट मिलने और टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद निगम के पास दोनों सड़कें आ जाएगी। निगम ने इन दोनों सड़कों को फोरलेन करने के लिए 40-40 करोड़ का एस्टीमेट तैयार किया है जिसके लिए बजट एनसीआर बोर्ड की तरफ से दिया जाएगा।
गहरे हो रहे है खामियों के गड्ढे, हर रोज लगात है जाम:
महाराणा प्रताप चौक राजीव चौक तक सड़क की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। पिछले दिनों हुई बारिश के बाद बने गहरे गड्ढों से हर रोज भारी वाहन फंस रहे हैं। एनएच-48 पर ट्रैफिक बंद होने से तमाम भारी वाहन यहां से गुजर रहे हैं और अनजान वाहन चालकों के लिए यह सड़क नासूर बनी हुई है। इस वजह से हर रोज रात के समय जाम लगता है।
राजमार्ग प्राधिकरण व पीडब्ल्यूडी उलझे:
शहर के अंदर से गुजर रहे बावल रोड का लगभग 3 किमी का हिस्सा फिलहाल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पास है। एनएच-11 का यह इंटरनल रोड बाइपास बनने तक प्राधिकरण ने टेक ओवर किया है लेकिन इसकी हालत बद से बदतर हो चुकी है। महज 3 किमी की बदहाल सड़क को लेकर प्राधिकरण का अपना आरोप है तो पीडब्ल्यूडी अधिकारी इसे प्राधिकरण के पास होने की बात कह रहे हैं।
राजमार्ग प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस सड़क की वन टाइम तैयार करके देना है जिसके लिए हम तैयार है और पीडब्ल्यूडी को पत्र भेजकर इसे टेक ओवर करने को कहा तो कोई जवाब नहीं मिला है। प्राधिकरण ने कहा कि इतना अवश्य है कि मरम्मत की जिम्मेदारी उनकी है लेकिन हम इसे पूरी तरह तैयार करके देने को तैयार है लेकिन पीडब्ल्यूडी सहयोग नहीं कर रहा है।
कहा कहते है एक्सईएन: प्राधिकरण ने बावल रोड के इस इंटरनल हिस्से को टेक ओवर किया था तब यह लिखित समझौता है कि बाइपास बनाने वाली एजेंसी इसकी देखभाल करेगी। अब एजेंसी और प्राधिकरण की जिम्मेदारी है कि इसे दुरुस्त कराएं। प्राधिकरण पता नहीं क्यों एजेंसी को जिम्मेदारी से बचा रहे हैं।
वहीं समझौता में यह तय था कि प्राधिकरण टेकओवर करने से पहले सड़क को नए सिरे से तैयार करेगी जिसके लिए हमसे एस्टीमेट मांगा था जो कि 28 करोड़ का है। इसके बाद भी हमने कह दिया कि आप सड़क तैयार करके दे दें हम टेकओवर कर लेंगे।
राजमार्ग प्राधिकरण की जिम्मेदारी: किसी भी शहर में देख ले कि राजमार्ग प्राधिकरण ही कनेक्टिंग सड़क को तैयार करती है। यहां पर प्राधिकरण कुछ भी करने को तैयार नहीं है फिर हम किसी स्थिति में टेकओवर कर लें। इसके बाद भी मैं ज्वाइंट मीटिंग और सर्वे के लिए भी तैयार हूं लेकिन उनकी तरफ से ही डिले किया जा रहा है।
– राकेश दीपक, कार्यकारी अभियंता, पीडब्ल्यूडी हाइवे विंग, नारनौल।
पीडब्लयूडी का 28 करोड़ का एस्टीमेट प्राधिकरण ने बनाया 2.84 करोड़ का दरअसल इस सड़क को लेकर प्राधिकरण अधिक सवालों में है। प्राधिकरण ने इस टेक ओवर किया हुआ है ऐसे में मरम्मत से लेकर तमाम जिम्मेदारी प्राधिकरण की एजेंसी की बनती है। इसके बाद भी बाइपास बना रही एजेंसी की तरफ से केवल पेचवर्क के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। प्राधिकरण ने जब पीडब्ल्यूडी से इसे टेकओवर करने को कहा तो विभाग ने 28 करोड़ का एस्टीमेट बनाकर भेज दिया। वहीं प्राधिकरण ने अपने इंजीनियरों से इसकी वन टाइम रिपेयर का महज 2.84 करोड़ का ही एस्टीमेट बनाया है। प्राधिकरण का कहना है कि 28 करोड़ रुपए देना संभव नहीं है। वहीं पीडब्ल्यूडी का कहना है कि समझौता में यह साफ है कि सड़क पूरी तरह से तैयार करके दी जाएगी। ऐसे में डैमेज सड़क को कैसे ओवरटेक किया जा सकता है।
80 करोड़ की लागत से बनाएंगे फोरलेन: डीजीएम
बावल और भाड़ावास रोड को हमने अभी टेक ओवर नहीं किया है। इसकी वाइडिंग होने के बाद टेकओवर करके दोनों को फोरलेन बनाया जाएगा। एनसीआर के प्रोजेक्ट के तहत 80 करोड़ का एस्टीमेट तैयार किया गया है। पीडब्ल्यूडी की तरफ से आवश्यक कार्रवाई हो जाने के बाद जल्द ही काम प्रारंभ कराया जाएगा। – सतेंद्र सिंह श्योराण, डीजीएम, एचएसआरडीसी
पीडब्लयूडी की तरफ से नहीं मिल रहा सहयोग, मरम्मत जल्द : पीडी ^पीडब्लयूडी के चीफ इंजीनियर के साथ हुई बातचीत बाद हम बावल रोड को वन टाइम प्रिपेयर करने के लिए तैयार है, लेकिन पीडब्ल्यूडी इसे बाद में टेकओवर करने पर ही सहमति नहीं दे रही है। पिछले छह-सात माह से लगातार पत्राचार कर रहे हैं जवाब नहीं दिया। हमने अपने इंजीनियरिंग टीम से इसका एस्टीमेट तैयार कराया था। वह एस्टीमेट 2.84 करोड़ का है जिसके आधार पर हम काम को तैयार है। पीडब्ल्यूडी ने इस 3 किमी हिस्से के लिए 28 करोड़ का एस्टीमेट भेज दिया जो कि किसी भी तरह मंजूर होना संभव नहीं है। पीडब्ल्यूडी अपनी बात पर अड़ रही है। परेशानी देख जल्द मरम्मत करा दी जाएगी।
-पीके कौशिक, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएच-11