मुख्यमंत्री गहलोत से क्यों नाराज हुए पायलट समूह के विधायक हेमाराम, क्या आगे बड़ा खेल होने वाला है?

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मुख्यमंत्री गहलोत से क्यों नाराज हुए पायलट समूह के विधायक हेमाराम, क्या आगे बड़ा खेल होने वाला है?

हेमाराम चौधरी के इस्तीफे को पायलट खेमे के बडे खेल के रूप में देखा जा रहा है और मामला दूरदर्शी लग रहा है.
विधायक हेमाराम के इस्तीफे को पायलट खेमे के बड़े दांव के रूप में भी देखा जा रहा है. हालांकि इस्तीफे के बाद खुद हेमाराम चौधरी समेत पूरी पार्टी ने चुप्पी साध ली है. दोनों ही खेमों से नेता इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं.
जयपुर. विधायक पद से इस्तीफा देकर अपनी पार्टी कांग्रेस में हलचल मचाने वाले हेमाराम चौधरी की नाराजगी के पीछे कई वजहें मानी जा रही हैं. हेमाराम चौधरी 6 बार विधायक चुने जा चुके हैं. पिछली गहलोत सरकार में वे कैबिनेट मंत्री के तौर पर राजस्व विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे. जबकि वसुंधरा शासन के दौरान वे नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. लेकिन इस बार हेमाराम चौधरी की अनदेखी कर बाड़मेर जिले से ही आने वाले हरीश चौधरी को राजस्व मंत्री बना दिया गया.
हेमाराम चौधरी को मंत्री नहीं बनाए जाने पर उनके समर्थकों ने पहले ही खुले तौर पर नाराजगी जाहिर की थी. बताया यह भी जा रहा है कि बाड़मेर प्रशासन हेमाराम चौधरी को तवज्जो नहीं दे रहा था. बाड़मेर प्रशासन की पूरी धुरी गहलोत सरकार के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के आसपास घूम रही है. इसे लेकर भी हेमाराम चौधरी खासा खफा हैं. प्रदेश कांग्रेस में ताजा उपजे इस संकट पर बीजेपी भी उस पर हमलावर हो रही है.
सियासी संकट में पायलट खेमे के साथ खड़े थे चौधरी
सियासी संकट के दौरान हेमाराम चौधरी ने पायलट खेमे का साथ दिया था. उसके बाद से ही हेमाराम चौधरी अपने क्षेत्र में विकास कार्यों में भेदभाव और अनदेखी का आरोप लगाते रहे हैं. इसका जिक्र वे कई बार कर चुके हैं. यहां तक कि विधानसभा में भी वे सबके सामने अपने दर्द को बयां कर चुके हैं. हेमाराम चौधरी के इस्तीफे के बाद बीजेपी नेता भी कांग्रेस पर जमकर कटाक्ष कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस नेता बचाव करते नजर आ रहे हैं.

क्या मान जाएंगे हेमाराम ?
इस्तीफे के बाद खुद हेमाराम चौधरी समेत पूरी पार्टी ने चुप्पी साध ली है. दोनों ही खेमों से नेता इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं. हालांकि पार्टी प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने चौधरी के इस्तीफा देने के दिन ही शाम इस मुद्दे को लेकर ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि ” हेमाराम जी हमारी पार्टी के वरिष्ठ और सम्माननीय नेता हैं. उनके इस्तीफे की जानकारी मिलने के बाद मैंने उनसे बात की है. यह पारिवारिक मामला है, जल्द ही मिल- बैठकर सुलझा लिया जाएगा”.
माना ये जा रहा है कि हेमाराम चौधरी को मनाने की कवायदें शुरू हो गई हैं. पार्टी आलाकमान के स्तर से भी इसके लिए प्रयास हो सकते हैं. हेमाराम चौधरी पहले भी इस तरह पार्टी से रुठ चुके हैं. उसके बाद उन्हें मना लिया गया था. लेकिन इस बार हेमाराम चौधरी के इस्तीफे को पायलट खेमे के दांव के रूप में देखा जा रहा है और मामला लंबा खिंच सकता है. यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि संभवत: विधानसभा अध्यक्ष उनका इस्तीफा मंजूर नहीं करेंगे.

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