उदयपुर में पुलिस निरीक्षक ने कर्तव्य के आगे साले को भी नहीं बख्शा
पुलिस निरीक्षक का साला प्रतिबंध के बावजूद मादड़ी क्षेत्र के बाजार में घूम रहा था। प्रतापनगर थाने के कांस्टेबल मोहन सिंह और जोरावर सिंह ने उसे बिना काम के बाजार में घूमते देखा तो उसे अन्य कुछ युवकों के साथ क्वारंटाइन कर दिया।
कहावत है सारी खुदाई एक तरफ तो जोरू का भाई एक तरफ। यह कहावत अकसर चरितार्थ होती रहती है, लेकिन उदयपुर के पुलिस निरीक्षक ने कर्तव्य के आगे इस कहावत को फेल साबित कर दिया। मामला उदयपुर के प्रतापनगर थाना क्षेत्र से है, यहां विवेक सिंह पुलिस निरीक्षक हैं। शनिवार शाम छह बजे उनका साला प्रतिबंध के बावजूद मादड़ी क्षेत्र के बाजार में घूम रहा था। प्रतापनगर थाने के कांस्टेबल मोहन सिंह और जोरावर सिंह ने उसे बिना काम के बाजार में घूमते देखा तो उसे अन्य कुछ युवकों के साथ क्वारंटाइन कर दिया। शनिवार रात को प्रतापनगर थानाधिकारी पुलिस निरीक्षक विवेक सिंह ने बिना काम पकड़े गए लोगों की सूची देखी तो वह चौंक उठे, उसमें उनका साला भी शामिल था।
यह बात जैसे ही उनके अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को लगी कि वह उनके साले की रिहाई के लिए क्वारंटाइन होम के इंचार्ज इसी थाने के उप निरीक्षक को फोन करने लगे कि थानाधिकारी विवेक सिंह ने उन्हें रोक दिया। विवेक सिंह ने पुलिस के कर्तव्य को तरजीह दी तथा अपने साले को क्वारंटाइन होम से छुड़ाने से इनकार कर दिया। क्वारंटाइन लोगों की कोरोना की जांच कराई गई तो थानाधिकारी विवेक सिंह का साल भी पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद उसे आइसोलेट कर दिया गया है। थानाधिकारी विवेक सिंह ने बताया कि थाने की टीम सरकार के नियमों की सख्त पालना में जुटी है। इसी दौरान उनकी पत्नी का भाई भी पकड़ा गया। उसने भी उनके नाम का इस्तेमाल नहीं किया, इससे खुशी हुई। यदि वह उनका नाम बता देता तो शायद उनके अधीनस्थ कांस्टेबल अपने कर्तव्य से डिग जाते।